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व्यक्तित्व को ढालना है हमारे हाथ - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
डॉ. दीपक आचार्य व्यक्तित्व को ढालना है हमारे हाथ रचनात्मक बनायें या विध्वंसात्मक व्यक्तित्व का निर्माण व्यक्ति के अपने हाथ में होता है। इसे वह चाहे जिस साँचे में ढालने को स्वतंत्र है। वंशानुगत संस्कारों, पारिवारिक माहौल, मित्रों के संसार और परिवेश तथा परिस्थितियों आदि सभी प्रकार के कारकों का…