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लोकतंत्र के बिंदास लेखक नागार्जुन - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
-जगदीश्‍वर चतुर्वेदी बाबा नागार्जुन को मंदी और नव्य-उदारीकरण के संदर्भ में पढ़ना निश्चित रूप से बड़ी उपलब्धि है। मैंने करीब एक दशक से बाबा को नहीं पढ़ा था, इस बीच में उन्हें चलताऊ ढ़ंग से पढ़ा और रख दिया था। लेकिन इस बीच में उनकी जो भी किताबें बाजार में…