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नारी का दर्द - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
क्यों दर्द हैं उसकी बातों में हमेशा मुस्कुराती है जो , इतना अकेली क्यों हैं वो जो मर्यादित है , जो संयमित है, जो नाजुक है , जो शांत है , आखिर एक अबला है वह उसकी की देह तो सबको दिखती है। उसकी आंतरिक सुंदरता क्यों नहीं दिखती.. कहाँ…