नर्मदा कुंभ का होगा निराला आगाज

विराग पाचपोर, नागपुर (महाराष्ट्र )

माँ नर्मदा सामाजिक कुंभ में देशभर से संत, महात्माओ एवं प्रबुद्धजनो के अलावा लगभग तीस लाख लोगों के आने की संभावना है। इसकी सुचारू व्यवस्था के लिये हजारों कार्यकर्ता कुंभ में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों की व्यवस्था में लगे है । विगत 12,13 व 14 नवम्बर को मंडला में कुंभ के संचालन हेतु लगभग पांच हजार कार्यकर्ताओं को व्यवस्था संम्बधी प्रशिक्षण दिया गया। इस कुंभ में सहभागिता हेतु बड़ी संख्या में साधु संतों के अपनी शिष्य मंडली सहित आगमन की सहमति प्राप्त हो रही है।जनजागृति के लिए मां नर्मदा के 30 लाख चित्र घर-घर स्थापित किये गए है। संपूर्ण कुंभ को मंडला महारानी दुर्गावती का नाम दिया गया है। संपूर्ण विशाल परिसर के चार भव्य प्रवेश द्वार रहेंगे। तीन बड़े मंडप-स्वामी लक्ष्मणानंदजी के नाम पर, महिलओं के लिए रानी लक्ष्मीबाई के नाम पर और युवाओं के लिए हनुमान जी के नाम पर बनाए जाएंगे। मंडला के समीप महाराजपुर के पास कुल 3500 एकड भू क्षेत्र पर कुल 45 नगर बनेंगे। प्रत्येक नगर में 5 हजार लोगों के रहने, भोजन आदि की व्यवस्था रहेगी।

मीडीया सेन्टर में पाधारे केन्द्रीय आयोजन समिति व संचालन समिति के सदस्य तथा विषकर्मा विभाग के प्रमुख श्री दिग्विजय सिंह व निर्माण विभाग के प्रमुख श्री मुकुल भाई धागठ ने बाताया कि मंडला में नर्मदा के तट पर 3500 एकड़ में रानी दुर्गावती पुरम का निर्माण किया जा रहा है। इसमें सर्वप्रथम मुख्य सभा मंडप केरी कोन टापू पर बनाया जा रहा है। जिसमें 4 मंच होंगे तथा यह मंडप लगभग 6 लाख वर्ग फुट जथा इसकी बैठक क्षमता एक लाख व्यक्तियों कि होगीं। इस अतिरिक्त दो अन्य सभा मंडप युवाओं व महिलाओं के सम्मेलन के लिये बनेगे जिनकी क्षमता 1500 व्यक्तियों की होगी। इसके साथ सम्पूर्ण देश से आनेवाले श्रद्धालुओं के लिये 50 नगरों का निर्माण किया जा रहा हैं प्रत्येक नगर की क्षमता पॉच हजार व्यक्तियों के आवास की होगी तथा इन आवासीय नगरों में पेयजल, शौचालय, मोबाईल चार्जिग, कपड़े सुखाने की व्यवस्था, भजन के लिये मंच तथा प्रत्येक नगर में व्यवस्था व सुविधा के लिये प्रबंधकर्ता , स्वच्छता प्रभारी, बिजली प्रभारी, ध्वनिप्रभारी, सुरक्षा प्रभारी, के लिये कक्षों की व्यवस्था रहेगी तथा इसके साथ नगर के बाहर दैनिक उपयोगी वस्तुओं की , चाय- नाश्ता अदि के स्थाल भी रहेंगे । इसके अतिरिक्त कुंभ में आये श्रद्धालुओं के लिये 10 प्रदर्शनी भी बनाई जा रही है इसमें पर्यावरण, जलसंर्वधन विज्ञान, मॉ नर्मदा जी के बारे में, रामजन्म भूमि, रीनीदुर्गावती रीनी अवन्तिबाई, विश्वमंगल गौ-ग्राम, और बलिदानी अदि रहेंगे । कुंभ में आने वाले समस्त श्रद्धालुओं के लिये भोजन की व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए 8 भोजनालयों का निर्माण किया जा रहा है तथा प्रत्येक भोजनालय की क्षमता प्रतिदिन 2 लाख व्यक्तियों की होगी तथा इसमें समस्त लोगों को भोजन बैठाकर परोसकर कराया जायेगा तथा उनके बर्तन भी धोने की व्यवस्था समिति द्वारा की गई है। कुंभ स्थल पर पूज्यनीय सन्तों के लिये प्रथम आवास व्यवस्था की गयी तथा विशिष्ट जनो के लिये भी पृथक से व्यवस्था की गयी है तथा इस बात का विशेष ध्यान दिया गया है इनके आवास कार्यक्रम स्थाल तथा घाट के समीप हो तथा इनके लिये प्रथम भोजनालय भी बनाया गया है। अति विशिष्टजनों के लिये विशेष प्रकार की कुटी (स्विसकाटेज) का निर्माण किया जा रहा हैं। कुंभ पूर्णरूप से व्यवस्थित रूप से संचालित हो इसके लिये मंडला में प्रवेश करने के लिये तीन सडके जबलपुर रोड़, रायपुर रोड़, डिण्डोररी रोड में पार्किग की व्यवस्था की गयी है इस पार्किग में छोटे व बडे़ वाहनों की पृथक व्यवस्था रखी है वाहनों के प्रवेश व अधिक वाहनों की भीड़ को देखते हुये निर्गम की सड़के अलग से रखी गई है अर्थात पार्किग में एंकाकी मार्ग व्यवस्था की गयी है छोटे बडे़ वाहन में लिये लगभग 80 एकड़ में एक पार्किग की गई है । कुंभ स्थल सभी के स्वस्थ्य के लिए रोटरी क्लब द्वारा 30 बिस्तर वाला सर्वसुविधा युक्त चिकित्सालय बनाया जा रहा है जिसमें सभी विधा के विशेषज्ञ उपलब्ध रहेंगे । इसमें अतिरिक्त आवासीय नगरो के पास, सभास्थल के पास घाटों के पास व अन्य स्थालों में भी चिकित्सालयों का निर्माण किया जा रहा हैं जिसमें लगभग 150 चिकित्सक व 20 एम्बुलेंस व अन्य सभी सुविधाएँ होगी। इसके अतिरिक्त मंडला जिला चिकित्सालय भी 24 घंटे पूर्ण सुविधा के साथ उपलब्ध रहेगा। रपटा पुल के तिराहे पर एक मुख्यालय तथा पूछताछ केन्द्र निर्माण किया जा रहा है तथा इसी के साथ कन्ट्रोल रूम भी बनाया जा रहा है , जिसमें सभी विभाग के प्रमुख उपलब्ध रहेगे तथा वही इनका आवास भी रहेगा । जैसा कि विदित है कि कुंभ में महिलाये व बच्चे भी अधिक संख्या में आयेगे अतः उनकी रूचि को ध्यान में रखते हुये तीन मेले लगाये जायेगे जिसमें मनोरंजक खेल, झूले व दुकाने होंगी । कुंभ में आये लोगों के लिये तीन छवि गुह निर्माण भी किया गया है जिनमें धर्म से संबधित प्रेरणादायक सिनेमा व रामायण व महाभारत की फिल्में दिखाई जायेगी यह व्यवस्था देर शाम के समय से प्रारम्भ होगी। कुंभ में 10 अमानती गृहो का भी निर्माण किया जा रहा है जिसमें श्रद्वालु अपना समान रखकर स्वंतत्र रूप से कुंभ में घूम सकेंगे । इसके साथ 10 टेलीफोन बूथ तथा कूपन के स्थल भी लगाये जायेंगे । मीडिया को विशेष रूप से ध्यान में रखते हुए एक मीडिया सेन्टर का निर्माण किया जा रहा है जिसमे सभी प्रकार की अत्याधुनिक संचार व्यवस्थाये उपलब्ध रहेंगी तथा उसी के पास पत्रकार बन्धुओं के लिये आवास व्यवस्था भी होगी। अति विशिष्ट अतिथितियों के लिये जो वायु मार्गा से आएंगे , उनके लिये हेलीपेड का निर्माण भी किया गया है। मंडला से जुडने वाली तीनों प्रमुख रोड जबलपुर डिंडौरी, रायपुर रोड़ में भव्य प्रवेश द्वार भी बनाये जा रहे है। इसके अतिरिक्त कुंभी स्थलों में जगह-जगह पर पेयजल, शौचालय, सहायता केन्द्र, अपदा प्रबंधन व्यवस्थाये जैसे, एम्बुलेन्स, जे.सी. बी. मशीन , क्रेन, फायर ब्रिगेड आदि के लिये भी समुचित स्थान रखा गया है। इसके अलावा सभी आवासीय नगरो के बाहर, पार्किग स्थाल, मेला, छविगृह, घाटो व अन्य जगह पर स्टाले रहेंगी जिसमें चाय, नास्ता , दैनिक उपयोग कि वस्तुये, नारियल अगरबती व अन्य प्रकार की दुकाने श्रद्वालुओं की सुविधिओं को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है। इसी प्रकार कुंभ में पधारे सभी श्रद्वालुओं के रास्तों में दिशा निर्देश, दिशा चिन्ह, नगरों की दिशाये और रास्तों में मानचित्र, भी लगाये जा रहे है तथा सभी की छोटी-छोटी सुविधाओं को ध्यान में रखते हुये इस प्रकार कार्य योजना बनाई जा रही है जिसमे किसी को कठिनाई न हो। जैसे सभी 50 आवासीय नगरो का महानगर में विभाजन, एकांकी मार्ग वाहनों का प्रवेश वर्जित तथा सभी जगह ध्वनि विस्तारक यंत्रों आदि की व्यवस्था की गई है।

आकर्षक प्रदर्शनियां

मां नर्मदा सामाजिक कुंभ के दौरान रानी दुर्गावती, माहराणा प्रताप, पर्यावरण एवं मां नर्मदा,सिख गुरूपुत्रों की बलिदान गाथा, राष्ट्रीय एकता और विधर्मियों के कुटिल हथकंडे, विश्व मंगल गोमाता, जल संरक्षण, सामाजिक सुरक्षा और राम मंदिर केन्द्रित 10 से अधिक प्रदर्शनियां भी लगाई जाएंगी। आयोजकों ने इस सामाजिक कुंभ को समाज के अंतिम व्यक्ति तक ले जाने का निर्णय किया है। इस सामाजिक कुंभ में देश के प्रख्यात संत-महात्मा और महापुरूषों का सान्निध्य मिलेगा,वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कई अ.भा. अधिकारी एवं स्वयंसेवक विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे।

प्रमुख उपस्थिति

इस सामाजिक आयोजनद में मुख्य रूप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डा. मोहनराव भागवत, सरकार्यवाह श्री भैयाजी जोशी, निवर्तमान सरसंघचालक श्री कुप्.सी.सुदर्शन,सह सरकार्यवाह श्री सुरेश सोनी व श्री दत्तत्रेय होसबले, श्री गोविंदगिरी महाराज (आचार्य किशोर जी व्यास), जगद्गुरू शंकराचार्य ज्योतिष्पीठाधीश्वर श्री वासुदेवानंद सरस्वती, दीदी मां ऋतंभरा, भारत माता मंदिर के संस्थापक स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि, आचार्य महामंडलेश्वर श्यामदास जी महाराज जबलपुर, अखिलेश्वरानंदजी-जबलपुर, श्री विजयकौशल जी-वृन्दावन, म.म. हरिहरानंदजी-अमरकंटक, आचार्य म.म. सुखदेवानंद जी-अमरकंटक, शंकराचार्य श्री राजराजेश्वराश्रम-हरिद्वार, रामानंदाचार्य स्वामी हंसदेवानंद, साध्वी निरंजनज्योति-कानपुर, संत श्री मानदासजी-हरिद्वार, म.म. स्वामी परमानंद गिरि-हरिद्वार, स्वामी गिरीशनंद-जबलपुर, म.म. मैत्रेयगिरिजी महाराजा-मंगलोर, ऐश्वर्यानदं सरस्वती-इंदौर, रामहृदयदास-चित्रकूट,योगीआदित्यनाथ-सांसद, म.म. शन्तिवरूपानंद गिरि-उज्जैन, शंभूनाथ माहराज-गुजरात, दशनामी पंचायती महा निर्मोही अखाड़ा के प्रमुख महामंडलेश्वर आचार्य सुखदेवानंद जी- अमरकंटक सहित अन्य अनेक संत मौजूद रहेंगे। विशिष्ट अतिथियों के आगमन हेतु हेंलीपेड की भी व्यवस्था की गई है।

कुंभ में यातायात व्यवस्था

नर्मदा सामाजिक कुंभ में पूरे देश से आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु नर्मदा नगर के बाहर चार मार्गो पर विशेष वाहन व्यवस्था की गई है। जबलपुर की ओर से आने वाले श्रद्धालुओं के जिये कटरा पर विशेष बस स्टेंड 1 फरवरी से प्रारंभ किया जायेगा जो मेला समाप्ति तक चलेगा । जबलपुर रेल्वे स्टेशन के दोनो और प्लेट फार्म के बाहर विशेष सहायता केन्द्र बनाये जायेंगे। रेल से जबलपुर आने वालों के लिये प्लेट फार्म क्रमांक 1 के निकनट पशुचिकित्सा महाविद्यालय के प्रांगण से मंडला के लिये विशेष बसें निरंतर उपलब्ध रह्रेगी।

भोजनालय

मेला स्थल पर 8 भोजनालयों की व्यवस्था है, जिसमें दिन के लगभग 18 घंटे लगातार भोजन उपलब्ध रहेगा।

रासलीला

मेला स्थल पर श्रद्धालुओं के लिये रासलीला का आयोजन है। रासलीला 3 फरवरी से प्रारंभ होकर 11 फरवरी तक चलती रहेगीं। कुंभ में कवि सम्मेलन भी आयोजित होगा।

1 COMMENT

  1. जय नर्मदे हर, अब समझ में आया की विधर्मी घबराए क्यों हैं?

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