सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान की नयी साजिश
भारत के खिलाफ पाक की 22 सूत्री रणनीति
ओंकारेश्वर पांडेय
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में भा रत की सेना द्वारा किये गए सर् जिकल स्ट्राइक के बाद बौखलाये पाकिस्तान ने भारत का जवाब देने के लिए एक 22 सूत्रीय कार्ययोजना स्वीकृत की है, जिसमें भारत के खिलाफ तोड़-फोड़ कराने और दंगा फसाद से लेकर छद्मयुद्ध की अहम भूमि का रहने वाली है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की सरकार ने बाकायदा लिखित तौर पर इस नीति को अपनाने का फैसला किया है, जो भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ भारतीय राजनीतिकदलों को एकजुट करने से लेकर देश के विभिन्न भागों में पहले से चल रहे जनजातीय उग्रवादियों, नक्सलवादियों और तमाम तरह के विघटनकारी तत्वों को बढ़ावा देने की खुलेआम सार्वजनिक तौर पर बात करता है।
पाकिस्तान के नीति निर्धारक अपने पूर्व सैन्य शासक जनरल याह्या खान की दशकों पूर्व की उसी नीति को और अधिक प्रबलता से अपनाने जा रहे हैं, और वह नीति है बिना सैनिक कार्यवाही के भारत को हजारों रक्तरंजित घाव देना। पाकिस्तानी सेना जानती है कि परमाणु हथियार का उपयोग करने की ध मकी देना जितना आसान है, बैसा कर पाना उतना ही कठिन। परमाणु शस्त्रागार का उपयोग करने का अर्थ है पाकिस्तान के अस्तित्व पर ही संकट। पाक को पता है कि भारतके पास आधुनिकतम परमाणु रोधी छतरी है। साथ ही पलटवार की भी समुचित प्रणाली। वे यह भी जानते हैं कि इस प्रकार के हमले को स्वीकार करना उन्हें दुनिया के सामने कितना शर्मिन्दा कर देगा।
सवाल है कि आखिरकार पाकिस्तान भारत के सर्जिकल स्ट्राइक के बाद करना क्या चाहता है ?
पाकिस्तान भारत के भीतर की कमजो र कड़ियों पर ध्यान केन्द्रित कि ये हुए है और उनका फायदा उठाने की कोशिश कर रहा है। पाकिस्तान की नजर तथाकथित रूप से मुख्यधा रा से कटे हुए मुस्लिम, सिख, ईसा ई और दलितों के साथ ही माओवादी उग्रवादियों पर है और उसकी यो जना उनकी दुर्दशा को अधिकाधिक ह वा देकर उन्हें भड़काने की है।
पाक की मंशा है- भारत में मुस्लिम, सिख, ईसाई और दलितों की उपेक्षा के साथ साथ माओवादी उग्रवाद में भारत की गल तियों को उजागर करना।आश्चर्यजनक है कि पाकिस्तान ने लिखित तौर पर अपनी खुफिया एजेंसियों को नि र्देश जारी किया है कि वे उन भारतीय राजनीतिक दलों, मीडिया, गैरसरकारी संगठनों और मानवाधिकार संगठनों से व्यापक सम्बन्ध बढ़ा एं जो मोदी की पाकिस्तान विरोधी नीतियों का विरोध कर रहे हैं ।
प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की सरका र ने इस कार्य के लिए दो सरकारी थिंक टैंक, इस्लामाबाद नीति अनु संधान संस्थान (IPRI) और क्षेत् रीय अध्ययन संस्थान (आईआरएस) को भारत के अन्दर असंतोष भड़काने की जिम्मेदारी सोंपी है और इसकेलि ए आवश्यक निर्णय लेने की उन्हें पूर्ण स्वतंत्रता भी दी गई है ।
पाकिस्तान की योजना हिंदुत्व के मुद्दे पर मोदी और आरएसएस को निशाना बनाने की भी है और इसके लिए उसने उग्रवादियों के साथ साथ राजनीतिक दलों, मीडिया, गैर सरका री संगठनों और मानवाधिकार सं गठनों में बैठे अपने स्लीपर से लोंको सक्रिय करने की व्यापक का र्य योजना बनाई है ।
ये पाकिस्तान द्वारा अपनाई गई 22 सूत्री रणनीति में से केवल कुछ हैं। इससे यह भी साफ़ है कि पा किस्तान अपने कुकर्मों के लिए विश्वस्तर पर बदनाम होने के बाद भी कोई सबक सीखने के लिए तैयार नहीं है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, इस नवी नतम नीतिगत दिशानिर्देश या रणनी ति को पाकिस्तानी सीनेट ने सर् वसम्मति से 7 अक्टूबर 2016 को हुई अपनी बैठक में स्वीकार कर लि या है । पाकिस्तानी संसद (सीनेट ) की यह रिपोर्ट “भारत और पाकि स्तान केनवीनतम संबंधों के मद् देनजर नीतिगत दिशानिर्देश” शीर् षक से सामने आई है । रिपोर्ट में पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव का सामना करने के लिए 22 सूत् रीय नीतिगत दिशानिर्देश प्रदान किये गए है ।
पाकिस्तानी आतंकियों के खिलाफ भा रत की सर्जिकल स्ट्राईक ने दशकों पुरानी आतंक प्रायोजित करने की पाकिस्तानी नीति को प्रभावित कि या है, साफ़ है कि अब खेल के नि यमों में परिवर्तन हुआ है ।
पहली बार भारत ने खुले तौर पर घो षणा की कि उसके विशेष बलों ने पा किस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पार पाकिस्ता नी आतंकवादियों के खिलाफ शल्य ह मलों को अंजाम दिया है, जिसमें आतंकियों के लांच पैडों को नष्ट करनेके साथ साथ 38 से अधिक आतं कवादियों और पाकिस्तानी सैनिक मा रे गए।
जम्मू-कश्मीर के उड़ी में एक भा रतीय सेना के बेसकेम्प पर 17 सि तम्बर को पाकिस्तान स्थित जैश-ए -मोहम्मद द्वारा हमला किया जाने के बाद यह जवाबी कार्रवाई कीगई ।
भारतीय सुरक्षा विशेषज्ञों का मा नना है कि बदले की आग में जलता पाकिस्तान भविष्य में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच खाई को चौ ड़ा करने और दोनों समुदायों के बीच संघर्ष को प्रोत्साहित करे गा ।नक्सलियों का सहयोग करने और खालिस्तानआंदोलन को फिर से शु रू करवाने की योजना पर काम करे गा । कावेरी जल विवाद की आग में घी डालने और दलित मुद्दे का फा यदा उठाने की भी उसकी योजना है। पाकिस्तान का उद्देश्य तोड़फो ड़ और उपद्रवों के माध्यम से भा रत में बड़े पैमानेपर अशांति पै दा करना है।
पाकिस्तानी रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों ने भारत में मोदी विरोधी राजनी तिक दलों के साथ तालमेल का प् रयत्न शुरू कर दिया है । भारतीय सुरक्षा तंत्र भी भारत को अस् थिर करने की पाकिस्तान की इस कु त्सित योजना परकड़ी नजर रखे हुए है । ऐसे में शिवसेना जैसे रा जनीतिक दलों को अपने कार्य व् यवहार में परिवर्तन लाने पर वि चार करना चाहिए । आखिर नवाजुद् दीन सिद्दीकी को रामलीला से बा हर जाने के लिए विवश करने की क् या आवश्यकता थी ? आज के माहौल में एकतुच्छ सी घटना भी पाकिस् तानी रणनीति में बड़े राष्ट्रीय खतरे का रूप ग्रहण कर सकती हैं। एकछोटी सी अफवाह की चिंगारी बड़ा दावानल भड़का सकती है ! यह एक अ लग प्रकार का युद्ध है । उनका फो कस भेदभाव पर होगा।
ओवैसी जैसे मुसलमानों के तथाकथि त मसीहा अपने जहर से अपने अधिकाँ श अनपढ़ अनुयायियों कोभी जहरीला बना ही रहे हैं । उनमें असुरक् षा की भावना, नफरत और कथित उत् पीड़न का जहर भर रहे है।
पाकिस्तानी सीनेट की रिपोर्ट का बारीकी से निरीक्षण करने की जरू रत है उसमें जो लिखा है उससे अधि क महत्वपूर्ण वह है जो नहीं लि खा है, जो उसका अघोषित एजेंडा है ।
भारत में पाकिस्तान के सैकड़ों स्लीपर सेल है। केवल मुसलमान ही नहीं तो अनेक अन्य धर्मावलम्बी भी सक्रिय रूप से इन स्लीपर से ल की मदद करते हैं। कुछ विचारधा रा के लिए तो कुछ पैसे के लिए ।
पाकिस्तान ने परंपरागत युद्ध में भारत को हराने की उम्मीद छोड़ दी है। अभी तक जिन जिहादियों के सहारे वह लड़ाई लड़ रहा था, वह अ ब अंतरराष्ट्रीय निगाहों में आ गया है और साथ साथ उस दुधारी तलवार ने पाकिस्तान को भी प्रभा वितकरना शुरू कर दिया है। अब पा किस्तान की आखिरी बड़ी उम्मीद भा रत के अंदर दरारें पैदा करने की है, जिससे वह भारत को धक्का पहुं चा सकता है ।
मैं किसी विशेष पार्टी या पार् टियों की ओर इशारा नहीं कर रहा हूँ, लेकिन अगर एक बार आप पाकि स्तानी सीनेट की रिपोर्ट पढ़ लें तो उसके बाद भारत में पिछले कु छ हफ्तों के दौरान जो कुछ हुआ है, या हो रहा है, उस पर आपको भी विचार करने कोविवश होना होगा ।
(पाकिस्तान की 22 सूत्री रणनीति का ब्यौरा इस लिंक पर मौजूद है-
https://www।senate।gov।pk/en/ news_content।php?id=2369)