नया साल‌

new yearनया साल सुंदर सपना,

हम तुम सबका है अपना|

 

हममें बची बुराई जो,

चलो कहीं आयें दफना|

 

हमें श‌पथ अब लेना है,

काम सदा अच्छे करना|

 

अच्छाई के साथ रहें,

सदा बुराई से लड़ना||

 

बहुत कठिन है डगर अभी,

व्यर्थ काम में क्यों पड़ना|

 

आयें राह में रोड़े तो,

उनसे निर्भय हो लड़ना|

 

पथ पर आगे बढ़ना है,

नहीं किसी से अब डरना|

 

पोखर तो ठहरा पानी,

बनकर नदी सदा बहना|

Previous articleमिर्च का अचार
Next articleआध्यात्मिक धर्मनिरपेक्षता की संस्कृति
प्रभुदयाल श्रीवास्तव
लेखन विगत दो दशकों से अधिक समय से कहानी,कवितायें व्यंग्य ,लघु कथाएं लेख, बुंदेली लोकगीत,बुंदेली लघु कथाए,बुंदेली गज़लों का लेखन प्रकाशन लोकमत समाचार नागपुर में तीन वर्षों तक व्यंग्य स्तंभ तीर तुक्का, रंग बेरंग में प्रकाशन,दैनिक भास्कर ,नवभारत,अमृत संदेश, जबलपुर एक्सप्रेस,पंजाब केसरी,एवं देश के लगभग सभी हिंदी समाचार पत्रों में व्यंग्योँ का प्रकाशन, कविताएं बालगीतों क्षणिकांओं का भी प्रकाशन हुआ|पत्रिकाओं हम सब साथ साथ दिल्ली,शुभ तारिका अंबाला,न्यामती फरीदाबाद ,कादंबिनी दिल्ली बाईसा उज्जैन मसी कागद इत्यादि में कई रचनाएं प्रकाशित|

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here