कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आगामी केंद्रीय बजट के सन्दर्भ में वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली से आग्रह किया है की बजट की दिशा को AIbEiAIAAABDCOzRltqq7678ISILdmNhcmRfcGhvdG8qKGNmNzZhNTE1ZjEwNWI2ZTUyNjNkNmQzNzEzMjIzY2VjZjBiYWUyYTUwAaC4u3USkJ2DXoynLqUvQnIFpTpDकॉर्पोरेट सेक्टर के बजाय नॉन कॉर्पोरेट सेक्टर की और मोड़ा जाना चाहिए जिसमें “उच्च स्तर नीचे की ओर और निम्न स्तर ऊपर की ओर” का अनुसरण करते हुए नॉन कॉर्पोरेट सेक्टर के लिए मजबूत नीतियां घोषित की जाएँ जिससे अर्थव्यवस्था सही अर्थों में आगे की ओर बढ़े ! कैट ने यह भी कहा है की छोटा व्यवसाय ही बड़ा व्यवसाय है को अमली जामा पहनाते हुए छोटे व्यवसाय को बड़ा बनाने हेतु बजट में कदम उठाये जाएँ ! कैट ने कहा की देश में नकदरहित अर्थव्यवस्था हेतु क्रेडिट/डेबिट कार्ड के ज्यादा उपयोग को बढ़ावा देने के लिए बजट में प्रोत्साहन स्कीम की भी घोषणा की जाए !

कैट ने कहा की शिकागो स्कूल की मिल्टन फ्राइडमेन सोच जिसमें आर्थिक सुधारों हेतु बडे व्यापार, बहुराष्ट्रीय कम्पनियों एवं बड़ी पूँजी को आधार माना जाता है से बाहर निकालकर छोटे व्यवसाय को अर्थव्यवस्था की प्रगति की धुरी बनाना होगा! भारतीय नॉन कॉर्पोरेट सेक्टर विश्व का सबसे बड़ा बाज़ार है जिसे बजट में प्राथमिकता देते हुए प्रगति का मुख्य स्रोत बनाया जाना चाहिए !

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी.सी.भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खण्डेलवाल ने वित्त मंत्री से आग्रह करते हुए कहा की बजट में छोटे व्यवसाय के लिए समर्थित नीतियां, विकास, वित्तीय समावेश सहित इस सेक्टर को उच्च तकनिकी ओर आधुनिक बनाने के लिए आवश्यक कदम बजट में उठाये जाएँ !

श्री भरतिया एवं श्री खण्डेलवाल ने कहा की रिटेल व्यापार अथवा रिटेल ई कॉमर्स में विदेशी निवेश को प्रवेश नहीं, सरलीकृत जीएसटी कर प्रणाली, मुद्रा को एक स्वतंत्र नियामक एवं डेवलपर बनाना, रिटेल व्यापार के लिए एक राष्ट्रीय व्यापार नीति, व्यापार पर लगे सभी कानूनों की पुन: समीक्षा, ई कॉमर्स ओर डायरेक्ट सेलिंग के लिए पृथक से कानून बनाये जाने की घोषणा बजट में की जानी चाहिए !

दोनों व्यापारी नेताओं ने कहा की देश के नॉन कॉर्पोरेट सेक्टर ने कॉर्पोरेट सेक्टर को जीडीपी में योगदान, रोजगार, घरेलू निर्माण, ओर निर्यात सहित सभी क्षेत्रों में पीछे छोड़ा है ! देश में 6 करोड़ से अधिक छोटे व्यवसाय जीडीपी में 45 % का योगदान करते हैं ओर लगभग 46 करोड़ लोगों को रोजगार देते हैं जिसमें 26 करोड़ लोग स्वयं उद्यमी हैं ! ऐसे सेक्टर को बजट में पूर्ण प्राथमिकता दी जाना बेहद जरूरी है !

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