दिल्ली के महापौर हर्ष मल्होत्रा ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल एवं उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर जनता को दिगभ्रमित करना बन्द करें। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री सीधे तौर पर यह बताये कि अभी तक चैथे वित्त आयोग की सिफारिशों को लागू क्यों नही किया गया है।
उन्होने कहा कि निगम की वित्तीय स्थिति को सुदृढ़ बनाए रखने के लिए समय समय पर गठित राज्य वित्त आयोग एवं उसके द्वारा की गई सिफारिशों को लागू करना एक संवैधानिक प्रक्रिया है। श्री मल्होत्रा ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा चैथे वित्त आयोग की सिफारिशों को अभी तक लागू नहीं करना संवैधानिक प्रावधानों की अवमानना है।
महापौर, हर्ष मल्होत्रा ने कहा कि 2012 में निगम के विभाजन के समय दिल्ली में कांग्रेस की सरकार द्वारा यह आश्वासन दिया गया था कि तीनों निगमों को स्थिर बनाने के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी। पूर्वी दिल्ली नगर निगम को घोषित 451 करोड़ रुपये में से केवल 331 करोड़ रुपये ही निगम को दिए गए वह भी ऋण के रूप में 10.5 के ब्याज दर पर दी गई है।
महापौर, हर्ष मल्हात्रा ने कहा कि चैथे वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार दिल्ली सरकार को तीनों निगमों को 6500 करोड़ रुपये प्रति वर्ष का बकाया देना है जिसमें पूर्वी दिल्ली नगर निगम के 2100 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष की राशि भी शामिल है। श्री मल्होत्रा ने कहा कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम अधिकार क्षेत्र में 250 अनाधिकृत काॅलोनी एवं 250 नियमित कालोनी है। उन्होने कहा कि राजस्व के लिए निगम ऐसी काॅलिनियों पर निर्भर नहीं हो सकता है। अपितु इन में सुधार की काफी गुंजाइश है जिस पर व्यय ही व्यय होगा।
उन्होने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविन्द केजरीवाल बिना राजनीति किए जल्द से जल्द चैथे वित्त आयोग की सिफारिशों को सभी अवरोध दूर करते हुए शीध्र लागूू करें ।mcd_120x105

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1 Comment

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  1. Instead of commenting here and there Mahapaur should approach High Court and appraise it about this angle.Let HC decide, which party is at fault.Why the hell public should suffer due to this dirty politics?