हमीरपुर बस अड्डे के बाहर एक तेज रफ्तार कार दोसड़का की तरफ से आई और सड़क किनारे खड़े 19 वर्षीय मुनीष कुमार पुत्र राकेश कुमार निवासी कुसाड़ (जंगल रोपा) को कुचल कर आगे निकल गई। घटनास्थल से 10 मीटर दूरी पर पुलिस चौकी होने के बावजूद कोई भी पुलिस कर्मी घटनास्थल पर नहीं पहुंचा, वहीं घटना के करीब डेढ़ घंटे के बाद स्थानीय टैक्सी चालक द्वारा घायल युवक को जिला अस्पताल पहुंचाया गया लेकिन तब तक युवक दम तोड़ चुका था। युवक के परिजनों ने उक्त मामले में जिला के एक कांग्रेस नेता के बेटे द्वारा तेज रफ्तार से गाड़ी चलाकर उनके बेटे को रौंदने के आरोप लगाए हैं।

 

वीरवार सुबह मृतक युवक के परिजनों जिनमें मृतक के परिजनों सहित दर्जनों ग्रामीणों ने बस अड्डे के बाहर आरोपियों को पकड़ने के लिए जब मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के काफिले को रोकना चाहा तो मुख्यमंत्री की गाड़ी नहीं रुकी, जिसके बाद उक्त ग्रामीणों ने सड़क के बीच खड़े होकर डीसी तथा एसपी की गाड़ियों को रोक लिया। इसके बाद ग्रामीणों ने उक्त मामले में जिला प्रशासन से तुरंत कार्रवाई करने तथा कथित तौर पर कांग्रेस नेता के बेटे तथा गाड़ी को पकड़ने की गुहार लगाई लेकिन डी.सी. और एस.पी. भी ग्रामीणों को आश्वासन देकर सी.एम. के साथ निकल गए, जिसके बाद ग्रामीण भड़क गए तथा उन्होंने शिमला-धर्मशाला हाईवे पर चक्का जमा कर दिया। सुबह 10 से लेकर शाम 5 बजे तक धर्मशाला-शिमला हाईवे पूरा दिन बंद रहा तथा ग्रामीण धरने पर बैठे रहे।

जब दोपहर बाद पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को उक्त घटना की सूचना मिली तो वह भी मौके पर पहुंच गए तथा ग्रामीणों के साथ न्याय के लिए धरने पर बैठ गए। हालात बिगड़ते देख डीसी और एसपी भी सीएम दौरे को बीच में छोड़कर करीब साढ़े 3 बजे फिर से मौके पर पहुंचे। माहौल काफी गर्म हो चुका था, जिस पर प्रशासन को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी और पौने 6 बजे के करीब जिलाधीश द्वारा मामले की मैजिस्ट्रेट इंक्वायरी के आदेश देने और 2 दिन के भीतर मामले को सुलझाने की बात पर ग्रामीण माने। इस दौरान भी गुस्साए ग्रामीण प्रशासन से लिखित में इसे देने की बात पर अड़े रहे और भाजपा नेताओं द्वारा मामले में पडऩे के बाद सहमति बनी, तब जाकर जाम खुलवाया गया।

default (4)1इससे पहले जैसे ही डीसी व एसपी मौके पर पहुंचे तो गुस्साए लोगों ने उनके गो बैक के नारे लगाए तथा कांग्रेस सरकार व मुख्यमंत्री के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की। डीसी रोहन चंद ठाकुर व एसपी अजय सिंह बौद्ध ने ग्रामीणों व पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के साथ उक्त मामले में विचार-विमर्श किया तथा उन्हें उक्त मामले में 2 दिन के भीतर निष्पक्ष जांच करके आरोपी को गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया, जिसके बाद ग्रामीण पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल, डीसी व एसपी के आश्वासन पर करीब साढ़े 5 बजे धरने से उठ गए तथा ग्रामीण शव को लेकर चले गए। इसके बाद करीब साढ़े 7 घंटे के बाद धर्मशाला-शिमला हाईवे पर फिर से यातायात बहाल हुआ। उधर, मंडी से आई फोरैंसिक विभाग की टीम भी छानबीन में जुट गई है।

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