मोबाइल एप से होंगे काम आसान
भोपाल, मध्यप्रदेश में महात्मा गाँधी राष्ट्रीय रोजगार गांरटी योजना (मनरेगा) की मॉनीटरिंग और जानकारी का आदान-प्रदान अब स्मार्ट मोबाइल डिवाइस से होगा। इससे प्रदेश में मनरेगा के क्रियान्वयन में पारदर्शिता के साथ जनपद, जिला और राज्य स्तर तक योजना की निगरानी में आसानी होगी। मोबाइल एप के जरिये मजदूरों की दैनिक उपस्थिति तथा रोजगारमूलक कार्यों का साप्ताहिक मूल्यांकन सुगमता से होगा। संबंधित ग्राम रोजगार सहायक तथा उप यंत्री जब कार्य स्थल पर पहुँचेंगे तब वहाँ समय और तिथि संबंधी विवरण मोबाइल एप पर स्वत: ही दर्ज हो जायेगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि अमले ने कार्य-स्थल पर जाकर ही मूल्यांकन किया है। इस प्रणाली से कार्य-स्थल पर जाये बगैर मूल्यांकन करने की शिकायत पर भी अंकुश लगेगा।
आयुक्त मनरेगा, स्मिता भारद्वाज ने बताया कि मनरेगा की मानीटरिंग प्रणाली के लिये तैयार किये गये मोबाइल एप का परीक्षण सफलता से हो चुका है। इसके संबंध में ग्राम पंचायत से लेकर जिला स्तर तक के अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। भोपाल में नीलबढ़ स्थित क्षेत्रीय प्रशिक्षण संस्थान में जिला और जनपद पंचायत स्तर के अधिकारियों के प्रशिक्षण की शुरुआत हो गई है। पंचायत राज संचालनालय द्वारा ऑनलाइन भुगतान प्रणाली के संबंध में प्रशिक्षण के साथ ही स्मार्ट मोबाइल डिवाइस और मोबाइल एप के जरिये मनरेगा में ऑनलाइन भुगतान का प्रशिक्षण साथ-साथ दिया जा रहा है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा मनरेगा में तैनात मैदानी अमले को मोबाइल डिवाइस खरीदने की मंजूरी पहले ही दी जा चुकी है।
प्रदेश में मनरेगा में ऑनलाइन भुगतान प्रणाली (ईएफएमएस) वर्ष 2013-14 से लागू है। वर्तमान में राज्य में ग्राम पंचायत स्तर पर करीब 4 लाख रोजगारमूलक काम जारी है। अब मोबाइल एप के जरिये इन कार्यों पर मजदूरों द्वारा काम की मांग, कार्य-स्थलों पर मजदूरों की उपस्थिति तथा कार्य की मूल्यांकन रिपोर्ट स्मार्ट डिवाइस के जरिये त्वरित प्राप्त होगी।
मजदूरों की दैनिक उपस्थिति तथा कार्यों की मूल्यांकन की जीपीएस स्थिति और फोटोग्राप्स मोबाइल एप के जरिये तुरंत मिल जायेंगे। इसके साथ ही मजदूरों के आधार सीडिंग का काम भी स्मार्ट डिवाइस से किया जा रहा है। इससे विभिन्न जानकारी के संकलन में अब विलंब नहीं होगा और ऑफलाइन मोड में प्राप्त जानकारी भी इंटरनेट कनेक्टिविटी जोन पर आने पर स्वत: ही अपलोड हो जायेगी। ऑनलाइन भुगतान प्रणाली लागू होने से डाटा अपलोडिंग के लिये सुरक्षित माने गये एमपी स्वॉन नेटवर्क के साथ मोबाइल डिवाइस की सिम को कान्फीगर किया जायेगा। इससे मनरेगा डाटा सुरक्षित नेटवर्क के जरिये नरेगा सर्वर पर अपलोड किया जा सकेगा।
मध्यप्रदेश में नित नए नए विकास कार्य हो रहे हैं । मनरेगा को डिजिटल बनाना एक आवश्यक कदम था जो सराहनीय है ।
बहुत बढ़िया आपका नया लेख अच्छा लगा, शुभकामनाये !