U.N. Secretary-General Ban Ki-moon gestures during a press conference at the United Nations headquarters in Geneva, Switzerland Friday, Dec. 12, 2008. Ban says the latest "very sobering" assessment of the World Bank underscores the world's economic problems. The world should act with great urgency and compassion to ease economic distress. (AP Photo/Anja Niedringhaus)शरणार्थियों के कारण पैदा हुए मानवीय संकट को लेकर बान ने जताई चिंता
संयुक्त राष्ट्र,। दक्षिणपूर्वी एशिया में नौकाओं में फंसे शरणार्थियों के कारण पैदा हुए मानवीय संकट को लेकर संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की-मून ने चिंता जाहिर करते हुए संयुक्त राष्ट्र की ओर से मदद की पेशकश की है।बान ने कहा कि उन्होंने इस संकट को लेकर मलेशिया और थाईलैंड के प्रधानमंत्रियों से फोन पर बात की जबकि उनके सहायक जेन इलियासन ने बांग्लादेश और इंडोनेशिया के मंत्रियों के साथ चर्चा की। वहीं, बान के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘‘क्षेत्र के नेताओं के साथ चर्चा में उन्होंने लोगों की जान बचाने और अंतरराष्ट्रीय कानून को कायम रखने की जरूरत पर जोर दिया।’’साथ ही, उन्होंने नेताओं से अपील भी की कि वे ‘‘समुद्र में बचाव के कर्तव्य का निवर्हन करें’’ और शरणार्थियों को वापस न भेजें। इंडोनेशिया, मलेशिया और थाईलैंड ने म्यांमार के अल्पसंख्यक समुदाय मूलनिवासी रोहिंग्या के प्रवासियों और गरीब बांग्लादेशी प्रवासियों से भरी नौकाओं को वापस मोड़कर रोष पैदा कर दिया है।संयुक्त राषट्र प्रमुख ने कहा कि वह थाईलैंड की इस संकट को हल करने के लिए एक क्षेत्रीय बैठक का आयोजन करने की योजना से उत्साहित हैं और नेताओं को इसमें हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।उन्होंने कहा, ‘‘संयुक्त राष्ट्र इस प्रस्तावित बैठक के साथ-साथ इस स्थिति से निपटने के लिए किए जाने वाले हर प्रयास में मदद देने के लिए तैयार है।’’ बान आज दक्षिण कोरिया की यात्रा पर जाने वाले हैं। इसके बाद वह वियतनाम जाएंगे।

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