मुफ्ती मुहम्मद सईद की मृत्यु के बाद जम्मू-कश्मीर में गवर्नर रूल लागू होने के बाद सरकार बनाने को लेकर उठा-पटक जारी है। पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती सरकार बनाने को लेकर कोई भी जल्दबाजी नहीं चहती। वहीं, बीजेपी ने कहा है कि सरकार बनाने में देर करने से सब्र का बांध टूट सकता है।
सूत्रों के मुताबिक, महबूबा ने पार्टी के सीनियर नेताओं समेत जोनल प्रेसिडेंट की अगले हफ्ते मीटिंग बुलाई है। मीटिंग में बीजेपी से गठबंधन बरकरार रखने पर फैसला हो सकता है। यह गठबंधन तभी जारी रह सकता है जब बीजेपी कोई अतिरिक्त कोशिश करे। महबूबा उसी स्थिति में आगे बढ़ेंगी जब बीजेपी की तरफ से उन्हें पक्का भरोसा न हो जाए। मुफ्ती की मौत के 23 दिन बाद भी पीडीपी की ओर से सरकार बनाने को लेकर कोई ठोेस पहल नहीं हुई है। वहीं महबूबा ने यह कहकर सरकार बनाने से मना कर दिया था कि वे दुख में हैं। माना जा रहा था कि पार्टी नेताओं की मीटिंग में इसका हल निकलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
वहीं कुछ नेताओं के मुताबिक, महबूबा के फैसला न ले पाने की वजह बीजेपी से नाराजगी है। महबूबा मानती हैं कि मुफ्ती के 10 महीने की गवर्नमेंट के दौरान अलायंस का जो एजेंडा तय किया गया था, उसे लागू नहीं किया गया। इसकी वजह बीजेपी है। वहीं बीजेपी के एक सीनियर नेता के मुताबिक, सरकार बनाने में जितनी देर होगी, उतना हमारा सब्र कमजोर होगा। यह कुछ ऐसा है कि हमारा हाथ मरोड़कर शर्तें मानने के लिए कहा जा रहा है। यह सही नहीं है। पीडीपी से हम बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन वे कोई भी पॉलिटिकल दबाव न बनाएं।31-mehboobamufti-600

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