imagesकेंद्र और राज्य का संबंध और बेहतर होना चाहिए- रिजीजू
चौदहवें पंचवर्षीय योजना के तहत आपदा प्रबंधन के लिए पहले मुकाबले इस बार फंड को बढ़ाया गया है। पहले चरण के आपदा फंड को जारी कर दिया गया है। राज्य सरकार अगर डिमांड करती है तो और भी प्रबंध किए जाएंगे। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजीजू ने आज सोमवार को यहां राष्ट्रीय स्तर पर आपदा में पशु प्रबंधन पर एनडीआरएफ के सौजन्य से छह दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के उद्घाटन अवसर पर मीडिया के साथ बातचीत करते हुए कही।
श्री रिजीजू ने इस मौके पर बड़ी सफाई से राज्य सरकार की नामाकमियों को उजागर करते हुए कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार काफी अच्छा काम कर रही है। एक वर्ष के कामकाज को देखकर देश की जनता में विश्वास बढ़ा है। हमारी सरकार पर किसी तरह का दाग नहीं है। हम काफी तेज गति से काम कर रहे हैं और इसका असर भी दिखाई देना लगा है। आपदा प्रबंधन पर बोलते हुए असम सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के बीच संबंध और बेहतर होने चाहिए। ताकि दोनों सरकारें एक टीम के रूप में मिलकर विकास की गति को और तेज कर सकें।भाजपा नेता ने कहा कि चौदहवें पंचवर्षीय योजना के तहत आपदा फंड में बढ़ोत्तरी की गई है। साथ ही कहा कि आपदा के दौरान प्रभावितों (जान व संपत्ति का नुकसान) के बीच वितरित की जाने वाली धन राशि के मात्रा को भी बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ का आपदा के दौरान पशुओं को बचाने का प्रयास बेहद सराहनीय कदम है। उन्होंने कहा कि पशु भारतीय अर्थ व्यवस्था की रीढ़ है। साथ ही कहा कि पशु के बिना भारत के ग्रामीण परिवेश की कल्पना असंभव है। उन्होंने अपने गृह राज्य अरुणाचल का उदाहरण देते हुए कहा कि याक और मिथुन ग्रामीण जनता की आत्मा से जुड़े हुए हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आपदा के दौरान हमेशा इंसानों की जान बचाना प्राथमिकता होती है, लेकिन यह कभी नहीं सोचा गया कि पशुधन भी उतना ही महत्वपूर्ण हैं। इसलिए इनको बचाने के ले सेना, प्रशासनिक पदाधिकारी, आम जनता के बीच इसको लेकर जागरूकता फैलानी होगी। यह काम एनडीआरएफ बखूबी कर रहा है।श्री रिजीजू ने कहा कि हम मानव एवं संसाधन विकास मंत्रालय से संपर्क में हैं, ताकि आपदा प्रबंधन को कालेज व विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। जिससे युवा आपदा के दौरान कैसे रिएक्ट करना है इसकी जानकारी उन्हें पहले से होगी तो वे अपने और आसपास के हालात को बेहतर तरीके से निपट पाएंगे। कार्यक्रम को संबोधन करने के दौरान उन्होंने असम सरकार के दो मंत्रियों को इंगित करते हुए कहा कि हम राज्य सरकार से भी कहेंगे कि आपदा प्रबंधन के पाठ्यक्रम को विषय वस्तु में शामिल करेंउन्होंने कहा कि आज विश्वभर में आपदा प्रबंधन के मामले में भारत पहले स्थान पर पहुंच गया है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी इसे स्वीकार किया है। बीते 10 वर्षों में आपदा से संबंधित आधारभूत ढांचा खड़ा करने में हमने सबसे तेज गति से लक्ष्य को प्राप्त किया है। उन्होंने कहा कि आपदा को रोका नहीं जा सकता लेकिन जागरूकता से इसके प्रभाव को कम जरूर किया जा सकता है। हमने नेपाल में आई आपदा में सबसे तेज त्वरित कार्रवाई का उदाहरण पेश किया है।उन्होंने कहा कि वर्तमान एनडीआरएफ की आठ बटालियनें है। जिसमें विस्तार करते हुए दो और बटालियनों का गठन किया गया है। जिसमें एक बटालियन का मुख्यालय प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी और दूसरा पूर्वोत्तर के अरुणाचल प्रदेश में होगा। उन्होंने कहा कि बीते सप्ताह कैबिनेट ने इस पर अपनी सहमति दे दी है। यह हमारे पूर्वोत्तर के लिए काफी बड़ी उपलब्धि है।

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