चेन्नई। तमिलनाडु सरकार ने आज कहा कि इसने राजीव गांधी हत्या मामले में सभी सात दोषियों की उम्र कैद की सजा माफ करने और उन्हें रिहा करने का फैसला किया है। साथ ही, इस कदम पर केंद्र का विचार मांगा है। केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि को आज भेजे एक पत्र में तमिलनाडु के मुख्य सचिव के. ज्ञानदेसीकन ने कहा है कि राज्य सरकार ने सात दोषियों से याचिकाएं प्राप्त की हैं जिनमें उन्हें रिहा करने का अनुरोध किया गया है क्योंकि उन्होंने जेल में 20 साल से भी अधिक समय बिताया है।

दोषियों में वी श्रीहरन उर्फ मुरूगन, टी सतेंद्रराजा उर्फ संतन, एजी पेरिवलन उर्फ अरीवु, जयकुमार, राबर्ट पयास, रविचंद्रन और नलिनी शामिल हैं। उन्होंने बताया, ‘नलिनी ने मद्रास उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका भी दायर कर सरकार से खुद को रिहा करने का अनुरोध किया है।’ उन्होंने बताया कि तमिलनाडु सरकार ने सातों दोषियों की याचिकाओं पर स्वतरू संज्ञान लेते हुए उनकी उम्र कैद की सजा को माफ करने और उन्हें रिहा करने का फैसला किया है क्योंकि उनमें से सभी 24 साल की कैद की सजा काट चुके हैं।

सात दोषियों में वी श्रीहरन, टी सतेंद्रराजा, जयकुमार और राबर्ट पयास श्रीलंकाई हैं। ज्ञानदेसिकन ने यह याद किया कि 19 फरवरी 2014 को उन्हें तमिलनाडु सरकार द्वारा माफी मिलने के बाद किस तरह से केंद्र उच्चतम न्यायालय चला गया था और फिलहाल अदालत में लंबित विषय का हवाला भी दिया। उन्होंने कहा कि तत्कालीन सरकार ने उम्रकैद की माफी पर अपने विचार जाहिर करने की बजाय तमिलनाडु के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में एक रिट याचिका दायर करने में जल्दबाजी की थी।

उन्होंने कहा कि इन परिस्थितियों के मद्देनजर हमारे लिए यह जरूरी हो गया है कि सीआरपीसी की धारा 435 के तहत तमिलनाडु सरकार के फैसले पर आपके विचार से अवगत होने के लिए आपसे अनुरोध करें। गौरतलब है कि सभी सातों लोगों को एक विशेष टाडा अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की श्रीपेरम्बदूर के पास 21 मई 1991 में एक चुनाव रैली के दौरान हत्या मामले में दोषी ठहराया था।08_04_2013-rajiv2

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