पचौरी को राहत , दिल्ली उच्च न्यायाल ने अग्रिम जमानत तत्काल रदृद किया
नई दिल्ली,। यौन उत्पीड़न मामले में दोषी (टेरी) के निदेशक आरके पचौरी की जमानत को दिल्ली उच्च न्यायालय ने तत्काल रद्द कर दिया है । इसके साथ ही पचौरी को अदालत में जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय मिला है । उच्च न्यायालय ने आज पचौरी से उनकी अग्रिम जमानत रद्द करने की मांग करने वाली अपील पर चार सप्ताह के अंदर जवाब देने के लिए कहा है । उच्च न्यायालय ने उनकी जमानत याचिका स्थगित कर दी है ।उल्लेखनीय है कि गत फरवरी में द एनर्जी एंड रिसोर्स इंस्टीट्यूट (टेरी) में काम करने वाली एक महिला ने पचौरी के खिलाफ यौन शौषण का आरोप लगाया था। 21 मार्च को निचली अदालत ने उन्हें इन शर्तो पर जमानत दी थी कि वह टेरी के ऑफिस में नहीं जाएंगे और बिना अदालत की अनुमति के वह विदेश भी नहीं जा सकते हैं। महिला के वकील ने कल अदालत में कहा था कि पचौरी गवाहों को प्रभावित कर रहे हैंं। न्यायमूर्ति सुनीता गुप्ता की खंडपीठ के समक्ष महिला के वकील ने कहा था कि मामले की निष्पक्ष व स्वतंत्र जांच के लिए पचौरी की जमानत रद्द करना जरूरी है। महिला के वकील ने पचौरी के बारे में कहा कि वह प्रभावशाली व्यक्ति है,34 साल से टेरी के अध्यक्ष रहने के चलते अफसरशाही में उनके अच्छे संपर्क है जिसका इस्तेमाल कर वह मामले की जांच को प्रभावित कर रहे है। वहीं दूसरी तरफ पुलिस ने अदालत को बताया कि पचौरी मामले की जांच में पूरी तरह सहयोग नहीं कर रहे हैं और जमानत की शर्तो का उल्लंघन कर रहे हैं।