10_modi_ec_jpg_1647780fबंदूक नही हल चलाने से होगा विकास: नरेन्द्र मोदी

रायपुर/नई दिल्ली, 9 मई (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा है कि किसी भी समस्या का समाधान हिंसा से हल नहीं हो सकता है । आज छत्‍तीसगढ़ के जनजातीय क्षेत्र बस्‍तर के माओवाद प्रभावित दंतेवाड़ा में एक जनसभा में प्रधानमंत्री ने कहा कि हिंसा का कोई भविष्‍य नहीं है, भविष्‍य केवल शांति का है और बातचीत से ही हर समस्‍या का समाधान संभव है । उन्‍होंने कहा है कि विकास कंधे पर बन्‍दूक से नहीं केवल हल से ही हो सकता है ।श्री मोदी ने कहा कि भारत में जो जो लोग कहते हैं हिंसा के रास्‍ते पर गये हुए लोगों को वापस मुख्‍यधारा में लाने का रास्‍ता क्‍या है ? मैं समझता हूं रमन सिंह जी ने रास्‍ता बना दिया है कंधे पर हल वही समस्‍याओं का हल ला सकता है । कंधे पर गन ये समस्‍याओं का समाधान नहीं कर सकती । जिस धरती पर नक्‍सलवाद का जन्‍म हुआ था और जिसके कारण देश में नक्‍सलवाद पर चर्चा हुई थी वहां पर भी जाकर के देखिये अनुभव के बाद वो सीखे । और उन्‍होंने भी वो रास्‍ता छोड़ दिया ।नरेन्‍द्र मोदी ने अपनी सरकार की प्राथमिकताओं का उल्‍लेख करते हुए कहा कि युवाओं को रोजगार देना उनकी सरकार की पहली प्राथमिकता है । हमारे देश के नौजवानों को रोजगार देना है और रोजगार देना है तो स्‍किल डेवलपमेंट सर्वाधिक सरल मार्ग होगा । जीवन के हर क्षेत्र में हर नौजवान के हाथ में हुनर हो जिसके हाथ में हुनर होता है उसको कभी जीवन जीने के लिए हाथ फैलाने की नौबत नहीं आती है वो अपने बलबूते पर अपनी शर्तों पर जीवन जी सकता है । प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार देश के हर कोने तक विकास पहुंचाने का प्रयास कर रही है ।दंतेवाड़ा में प्रधानमंत्री की उपस्थिति में चार बड़ी बुनियादी परियोजनाओं से संबंधित समझौता ज्ञापनों पर हस्‍ताक्षर किए गये । ये परियोजनाएं हैं- रौघाट-जगदलपुर रेललाइन, बस्‍तर में बड़े स्‍टील संयंत्र की स्‍थापना, स्‍लरी पाइपलाइन और एन एम डी सी के पायलट संयंत्र का निर्माण। इन परियोजनाओं से बस्‍तर में 24 हजार करोड़ रूपये का निवेश होगा । इससे यह क्षेत्र औद्योगिक विकास में अन्‍य क्षेत्रों के समकक्ष आ सकेगा। इससे बस्‍तर के तेजी से सामाजिक – आर्थिक बदलाव में मदद मिलेगी ।इससे पहले विद्यालय के बच्चों के साथ बातचीत में प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा कि काम करते हुए उन्‍हें कभी थकान नहीं हुई, क्‍योंकि उनका मानना है कि वे एक अरब पच्‍चीस करोड़ भारतीयों के अपने परिवार की सेवा कर रहे हैं । छत्‍तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में जावांगा गांव के एजूकेशन सिटी में जनजातीय समुदाय के बच्‍चों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रत्‍येक जीवन में एक उद्देश्‍य होना चाहिए । उन्‍होंने कहा कि जीवन को सफलता और असफलता के पैमाने पर नहीं मापा जा सकता । सफलता, विफलता को जीवन के लक्ष्‍य को पाने के तराजू के रूप में कभी देखना नहीं चाहिए। लेकिन विफलता से बहुत कुछ सीखना चाहिए । हम विफलताओं से जितना ज्‍यादा सीख सकते हैं, शायद सफलता उतना हमारी शिक्षा नहीं देती। मेरा जीवन ऐसा है जिसको हर कदम विफलताओं का ही सामना करना पड़ा और मैं सफलताओं का हिसाब लगाता नहीं हूं । न सफल होने के मकसद से काम करता हूं। एक लक्ष्‍य की प्राप्ति करनी है। अपनी भारत मां की सेवा करना। सवा सौ करोड़ देशवासियों की सेवा करना । बच्‍चों के एक सवाल के जवाब में उन्‍होंने कहा कि वे कुछ बनने की बजाय कुछ करने के सपने देखें । अगर सपने देखने हैं तो बनने के सपने कम देखो करने के सपने ज्‍यादा देखो। और एक बार करने के सपने देखोगे तो आपको उसे करने का आनंद और होगा ।

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