कंडवाल निवासी राजेश पठानिया के परिवार के लिए जहां गत 3 वर्ष का लम्बा समय जिंदगी का एक अति दुष्कर दौर रहा, वहींं अब जाकर इस परिवार ने चैन की सांस ली है क्योंकि अदालत ने पंजाब पुलिस द्वारा राजेश पर चरस मिलने के बनाए गए कथित झूठे केस से उसे वाइज्जत बरी कर दिया है। यह कथित झूठा केस भी कोई आम केस नहीं था बल्कि एक मादक पदार्थ यानी चरस का केस उस पर करीब 3 साल पूर्व तब बना दिया गया था, जब वह कंडवाल से मात्र 12 किलोमीटर दूर स्थित पठानकोट में कुछ सामान की खरीद के लिए गया था।courtroom

पंजाब के पठानकोट की पुलिस ने राजेश को पकड़ कर न सिर्फ सलाखों के पीछे डाल दिया बल्कि उसकी जेब में रखी एक भारी-भरकम रकम भी छीन ली। फिर उसके घर वालों को एक संदेश भेजकर और राशि भेजने तथा उनसे हजारों की रकम डकारने का घटनाक्रम हुआ। इसके बावजूद भी राजेश जेल की सलाखों से बाहर नहीं आ सका तथा उसकी हालत पिंजरे में बंद असहाय पंछी जैसी होकर रह गई। पठानकोट जेल के भीतर राजेश को यह जानकर और भी दुख हुआ कि वह अकेला ही पुलिस के अन्याय व धक्काशाही का शिकार नहीं बल्कि यहां मौजूद अन्य काफी कैदियों की कमोबेश उस जैसी कहानी है। उसके दिमाग में यह योजना आई कि क्यों न अन्याय का शिकार सभी कैदी मिलकर इसका डटकर प्रतिशोध करें।

इस बात का फैसला होते ही जेल में कैदियों द्वारा भूख हड़ताल शुरू कर दी गई जिससे सारे पंजाब के पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। आखिरकार इन आंदोलनरत कैदियों को सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। वहां भी विरोधस्वरूप इन्होंने अपना आमरण अनशन जारी रखते हुए अपना इलाज तक करवाने से इंकार कर दिया। तत्कालीन एसएसपी केएस हीर ने आकर इन कैदियों को न्याय का भरोसा दिलाया तथा पुलिस द्वारा दायर झूठे मुकद्दमे वापस लेने का यकीन दिलाते हुए इन आंदोलनकारी कैदियों को जूस पिलाकर इनका अनशन तुड़वाया तथा इसके बाद इन मामलों की उचित जांच भी शुरू हुई, तब जाकर राजेश सहित अन्य कैदियों की रिहाई संभव हुई।
राजेश की मानें तो वह अपने क्षेत्र की उस होटल लॉबी की कथित साजिश का शिकार हुआ था जो देह व्यापार का अनैतिक धंधा बेखौफ कर रही थी तथा इसके खिलाफ उसने आवाज उठाई थी। इसका परिणाम उसे चरस के कथित इस केस के रूप में भुगतना पड़ा। उसे संतोष है कि आखिर उसे न्याय मिला। राजेश के अनुसार पठानकोट के अनेक नेताओं व मीडिया द्वारा उसके इस केस में भरपूर सहयोग दिया गया। राजेश अब मानव अधिकार हैल्प लाइन शुरू कर अन्याय का शिकार लोगों की सहायता करना चाहता है।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *