उद्योगों की स्थापना से लेकर उनके संचालन तक विभिन्न परेशानियों का सामने करने वाले गुडग़ांव के छोटे-बड़े उद्यमियों के लिए सरकार ने राहतपूर्ण कार्य करना शुरु कर दिया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा गुडग़ांव में ऑनलाइन सेवाओं के लिए शिकायत निवारण प्रणाली और विवाद निपटान प्रणाली की शुरूआत करने के बाद उद्योगों को काफी सुविधा प्राप्त होगी।

उद्योगों में विभिन्न प्रावधानों को लेकर बार-बार कंपनियों का निरीक्षण करने की प्रक्रिया पर भी सरकार ने लगाम लगा दिया है। निरीक्षण की प्रणाली में बड़े बदलाव किए गए हैं, इसमें 20 प्रतिशत निरीक्षण रैंडमली किए जाएंगे और जिस इकाई का एक बार निरीक्षण हो गया, उसका निरीक्षण अगले चार सालों तक नहीं होगा। राज्य सरकार ने उद्यम प्रोत्साहन नीति, 2015 लागू की है, जिसमें कारोबार करने में सहूलियत और लागत कम करने जैसे कदम के मामले में हरियाणा एक बेहतर विकल्प साबित होगा।

राज्य में नए निवेश को आकर्षित करने के लिए राज्यस्तरीय और जिला स्तरीय एक छत के नीचे सिंगल विंडो कलीरेंस सिस्टम की शुरूआत की गई है। इसमें औद्योगिक इकाइयोंं को 16 विभागों की 50 सेवाओं को ई-विज पोर्टल स्थापित कर त्वरित क्लीरेंस मुहैया करवाया जा रहा है। सीएलयू और ऑटो सीएलयू का प्रावधान किया गया है। इसमें 31 खण्डों में औद्योगिक  इकाइयां स्थापित करने के लिए सीएलयू की आवश्यकता नहीं है। 75 खण्डों में ऑटोमैटिक सीएलयू क्लीरेंस भी दिया जा रहा है।

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