koda-jindal तीस जून को नवीन जिंदल और मधु कोड़ा पर होगी सुनवाई
नई दिल्ली,। कोल आवंटन घोटाले में फंसे झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, उद्योगपती नवीन जिंदल व कुछ अन्य लोगों के मामले की सुनवाई को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने 30 जून तक के लिए स्थगित कर दिया है । इससे पहले जांच कर रहे सीबीआइ के एक अधिकारी को विशेष अदालत ने चेतावनी दी । साथ ही अपने काम में सुधार करने के लिए कहा, क्योंकि कुछ दस्तावेज अदालत में सौंपे बिना ही आरोपियों को थमा दिये गये थे ।सीबीआइ निरीक्षक विजय चेत्तियार ने अदालत में इस मुद्दे पर लिखित स्पष्टीकरण दाखिल किया और कहा कि ऐसे कुछ व्यक्तियों के बयान ‘गलती से’ आरोपियों के पास चले गये, जिनके नाम प्राथमिकी में थे, लेकिन आरोप पत्र में शामिल नहीं है। उनके स्पष्टीकरण के बाद विशेष सीबीआइ न्यायाधीश भरत पराशर ने उनसे पूछा कि ये दस्तावेज कैसे आरोपियों के पास चले गये, जबकि ये अदालत में सौंपी गई ‘ई-चालान’ की प्रति में शामिल नहीं थे ।न्यायाधीश ने कहा कि अदालत में सौंपी गयी ई-चालान की स्कैन की हुई प्रति में ये बयान शामिल नहीं थे, लेकिन आरोपियों की दी गयी प्रति में ये बयान शामिल थे। यह कैसे हुआ। अदालत के सवाल का जवाब देते हुए जांच अधिकारी ने कहा कि आरोपियों को जो ई-प्रति दी गयी थी उसे बाद में तैयार किया गया था और ये दस्तावेज गलती से उनके पास चले गये होंगे। यह मामला झारखंड में राझरा उत्तर कोयला खदान के आवंटन में कथित अनियमितताआओं से संबंधित है ।गौरतलब हो कि वीआइएसयूएल ने आठ जनवरी, 2007 को राझर उत्तर कोयला खदान के लिए कोयला मंत्रलय के पास आवेदन किया था। आरोप है कि झारंखड सरकार और इस्पात मंत्रालय ने कोयला खदान आवंटन की अनुशंसा नहीं है, लेकिन 36वीं स्क्रीनिंग कमेटी ने आरोपी कंपनी को खदान देने की सिफारिश की ।

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