tomarतोमर की डिग्री जांचने बिहार पहुंची दिल्ली पुलिस
नई दिल्ली/भागलपुर/मुंगेर,। फर्जी डिग्री के मामले में गिरफ्तार दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेन्द्र सिंह तोमर के फर्जी डिग्री मामले में प्रमाण-पत्रों की जांच के लिए दिल्ली पुलिस भागलपुर पहुंची । दिल्ली पुलिस की टीम ने मुंगेर के विश्वनाथ सिंह विधि संस्थान जाकर नामांकन रजिस्टर और अन्य अभिलेखों की जांच की । तोमर को भी शुक्रवार को संस्थान में लाकर पूछताछ किए जाने की संभावना है ।तोमर को पूछताछ के बाद सदर अस्पताल लेकर पहुंची है। दिल्ली पुलिस इसे रूटीन चेकअप बता रही है। वहीं सूत्रों की माने तो पूर्व मंत्री की तबीयत खराब हो गई है । दिल्ली पुलिस लखनऊ से तोमर को सड़क मार्ग से लेकर मुंगेर पहुंची और होटल राजहंस में रुकी हुई है। तोमर से होटल में पूछताछ की गई, जिसके बाद उनकी हालत बिगड़ गई । दिल्ली पुलिस की एक टीम ने गुरुवार को कॉलेज से जो साक्ष्य जुटाए थे उसी के आधार पर फिलहाल पूछताछ हो रही थी ।कॉलेज के प्रचार्य आरके मिश्रा व अन्य कर्मचारियों को उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया है। कड़ी सुरक्षा के चलते लॉ कॉलेज को छावनी बना दिया गया है। मीडिया का कॉलेज के अंदर प्रवेश बंद कर दिया गया है। वहीं दूसरी टीम तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में पहुंच चुकी है । भागलपुर विश्वविद्यालय में दिल्ली पुलिस की टीम कुलपति प्रो रमाशंकर दुबे के साथ बातचीत कर रही है। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में परिसर में सुबह से ही कर्मचारियों की चहल-पहल है। परीक्षा विभाग के कर्मचारी खासतौर पर ज्यादा सजग है। विश्वविद्यालय के अंदर भी मीडिया की इंट्री प्रतिबंधित कर दी गई है। दूसरी टीम गुरुवार देर शाम लॉ कॉलेज पहुंची थी, लेकिन पर्याप्त दस्तावेज नहीं मिला था। अब पुलिस टीम की सारी उम्मीदें विश्वविद्यालय पर जा टिकी हैं।
लॉ कॉलेज में जितेंद्र के हस्ताक्षर का नमूना व फोटो युक्त दस्तावेज उपलब्ध नहीं होने के कारण अब विश्वविद्यालय में परीक्षा प्रवेश पत्र, प्रोविजनल सार्टिफिकेट पंजी आदि के जरिए दिल्ली पुलिस साक्ष्य एकत्रित करने का प्रयास करेगी। दो सदस्यीय टीम गुरुवार की रात मुंगेर पहुंची थी। दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी थानाध्यक्ष कुलदीप सिंह व इंस्पेक्टर शिवदेव सिंह मुंगेर पहुंचते ही सीधे विश्वनाथ सिंह लॉ कॉलेज पहुंचे। प्राचार्य आरके मिश्रा, प्रधान लिपिक आदि के साथ उन्होंने घंटों बंद कमरे में जानकारियां लीं।दिल्ली पुलिस के अधिकारी सतिंदर सांगवान ने 24 मई को फैजाबाद में छानबीन की थी । उन्होंने दस बिंदुओं पर सूचनाएं जुटाई थीं, जिनमें प्रवेश, परीक्षा, अंकपत्र व उपाधि की वैधता समेत अन्य बिंदु शामिल थे। विदित हो कि तोमर ने डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्र्वविद्यालय से संबद्ध साकेत महाविद्यालय से वर्ष 1988 में बीएससी करने का दावा किया था। सबसे पहले तोमर की फर्जी डिग्री का सच भी अवध विश्वविद्यालय से ही सामने आया ।जनवरी में ही विवि ने एक आरटीआइ के जवाब में तोमर की डिग्री को फर्जी करार दिया। आरटीआइ के जवाब में विवि ने बताया था कि तोमर के अंकपत्र पर अंकित रोल नंबर 31331 और डिग्री दोनों ही फर्जी है। इसका विवि से कोई लेना-देना नहीं है।

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