नई दिल्लीः कर्नाटक में चर्चित खनन कारोबारी और बीजेपी नेता जी जनार्दन रेड्डी 600 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी के मामले में पुलिस के संदेह के घेरे में हैं। क्राइम ब्रांच टीम इस मामले की जांच कर रही है। इस मामले में नाम आने के बाद से ही रेड्डी फरार चल रहे हैं। गुरुवार को लगातार तीसरे दिन हैदराबाद में उनकी तलाश में कुछ ठिकानों पर छापे मारे गए लेकिन वह अब तक पुलिस के हाथ नहीं लगे हैं।

प्रवर्तन निदेशालय के संज्ञान में आए 600 करोड़ के पोंजी स्कैम में नाम आने के बाद से ही जनार्दन रेड्डी फरार चल रहे हैं। गुरुवार शाम पुलिस को मिली सूचना के मुताबिक वह बंजारा हिल्स के पास अपने एक दोस्त के अपार्टमेंट में रुके थे, लेकिन जब पुलिस वहां पहुंची, रेड्डी गायब हो चुके थे। सीसीबी अधिकारी ने बताया कि रेड्डी मंगलवार से पुलिस को चकमा दे रहे हैं और अव एक पुलिस टीम को जल्द ही तेलंगाना भेजा जाएगा।

पुलिस का कहना है कि संभव है कि रेड्डी हैदराबाद में ही हों। पुलिस के मुताबिक, ‘उनके तीनों मोबाइल नंबर बंद हैं। नंबर बंद करने से पहले उन्होंने हैदराबाद में और कर्नाटक सीमा पर कुछ फोन कॉल्स की थीं।’ पुलिस का कहना है कि 600 करोड़ रुपये के घोटाले में शामिल एक कंपनी और उसके मालिक अहमद फरीद को ईडी की जांच से बचाने के लिए जनार्दन रेड्डी ने 18 करोड़ रुपये की एक डील की थी और ईडी को रिश्वत देने की कोशिश भी की थी।

फरीद और उनके बेटे सैयद अहमद आफाक पर दिसंबर 2016 में अपनी ऐम्बिडेंट मार्केटिंग कंपनी के जरिए हजारों निवेशकों के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप है। बुधवार को संवाददाताओं से बातचीत में पुलिस आयुक्‍त टी सुनील कुमार ने कहा, ‘क्राइम ब्रांच कई लोगों की शिकायत के बाद ऐम्बिडेंट मार्केटिंग कंपनी के वित्‍तीय लेनदेन की जांच कर रही है। लोगों का आरोप है कि कंपनी ने उनके साथ धोखाधड़ी की है।’

आरटी नगर से काम करने वाली ऐम्बिडेंट मार्केटिंग कंपनी ने 15 हजार निवेशकों से पैसा इकट्ठा किया जिनमें से ज्‍यादातर मुस्लिम हैं। उनसे वादा किया कि कंपनी उन्‍हें इस पैसे पर इस्‍लामिक तरीके से रिटर्न मुहैया कराएगी। कंपनी ने 30 से 40 फीसदी रिटर्न देने का वादा किया। शुरू में निवेशकों को कुछ लाभ दिया गया लेकिन कुछ महीने बाद ही कंपनी पैसे के भुगतान से आनाकानी करने लगी।