दिल्ली के लाल किले पर 26 से 29 जनवरी 2016 तक होगा ‘भारत पर्व’ का आयोजन

कार्यक्रम के लिए पर्यटन मंत्रालय को चुना गया है नोडल (प्रधान) मंत्रालय
lal quilaभारत सरकार द्वारा गणतंत्र दिवस समारोह के भाग के रूप में 26 से 29 जनवरी 2016 तक दिल्ली के लाल किले पर ‘भारत पर्व’ का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के आयोजन का मुख्य उद्देश्य देशभक्ति की भावना पैदा करना, देश की संपन्न सांस्कृतिक विविधता को प्रोत्साहन और आम जनता की व्यापक भागीदारी सुनिश्चित करना है।

पर्यटन मंत्रालय कार्यक्रम के लिए प्रधान/नोडल मंत्रालय नियुक्त किया गया है, जिसकी प्रमुख झलकियों में गणतंत्र दिवस परेड की झाकियां, सैन्य बलों के बैंडों का प्रदर्शन (स्थिर और गतिशील), खाद्य उत्सव, शिल्प मेला और देश के विभिन्न क्षेत्रों के सांस्कृतिक प्रदर्शन शामिल हैं। कार्यक्रम का समय 26 जनवरी 2016 को शाम को 5 बजे से रात को 9 बजे तक और 27, 28 और 29 जनवरी को दोपहर 12 बजे से रात को 9 बजे तक है।

कार्यक्रम जनता के लिए खुला हुआ है और प्रवेश मुफ्त है। हालांकि पहचान प्रमाण पत्र ले जाना अनिवार्य है।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों में लोक/जनजातीय नृत्य और संस्कृति मंत्रालय द्वारा अपने क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्रों के माध्यम से आयोजित संगीत के साथ ही देश के विभिन्न हिस्सों से आये सांस्कृतिक मंडलों के कार्यक्रम शामिल हैं। खाद्य उत्सव में नेशनल एसोसिएशन ऑफ स्ट्रीट वेंडर्स ऑफ इंडिया (एनएएसवीआई) द्वारा विभिन्न राज्यों/संघ शासित क्षेत्रों के स्ट्रीट फूड के स्टालों के साथ राज्य सरकारों और होटल प्रबंध संस्थानों द्वारा प्रदर्शन किया जाएगा। शिल्प मेले में कपड़ा मंत्रालय के माध्यम से हथकरघा और हस्तशिल्प विकास आयुक्तों के कार्यालयों के साथ ही राज्य सरकारों के सौजन्य से देश के हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पादों का प्रदर्शन किया जाएगा।

चार दिन तक होने वाले इस कार्यक्रम का विवरण इस प्रकार है:

26 जनवरी 2016: 1715-1800 बजे- पाइप और ड्रम बैंड (सेना-गतिशील); 1800-2015 बजे तक- एनजेडसीसी के लोक नृत्य/जनजातीय नृत्य एवं संगीत; और 2015-2100 बजे तक- मिलिट्री बैंड (वायुसेना-स्थिर)।

27 जनवरी 2016: 1300-1345 बजे तक – मिलिट्री बैंड (नौसेना–स्थिर); 1345-1410 बजे तक- मिजोरम (बांस नृत्य); 1410-1500 बजे तक- कर्नाटक (वीरागेस, डोल्लू कुनिथा, यक्षगान, पूजा कुनिथा); 1500-1545 बजे तक – मिलिट्री बैंड (सेना-स्थिर); 1545-1630 बजे तक – पंजाब (भांगड़ा, गिद्दा, झूमर, लुड्डी); 1630-1715बजे तक – ओडिशा (गोतीपुआ नृत्य और छाउ नृत्य; 1715-1800 बजे तक – पाइप और ड्रम बैंड (सेना-गतिशील); 1800-2015 बजे तक – एनजेडसीसी का लोक नृत्य / जनजातीय नृत्य और संगीत और 2015-2100 बजे तक – मिलिट्री बैंड (वायुसेना- स्थिर)

28 जनवरी 2016: 1300-1345 बजे तक- मिलिट्री बैंड (सेना-स्थिर); 1345-1410 बजे तक – असम (बिहू नृत्य); 1410-1435 बजे तक – मिजोरम (बंबू नृत्य); 1435-1500 बजे तक – कर्नाटक (वीरागेस, डोल्लु कुनिथा); 1500-1545 बजे तक – मिलिट्री बैंड (वायुसेना- स्थिर); 1545-1630 बजे तक – केरल (अर्ध शास्त्रीय); 1630-1715 बजे तक – पश्चिम बंगाल (रविंद्र नृत्य); 1715-1800 बजे तक – पाइप्स और ड्रम बैंड (सेना-गतिशील); 1800-2015 बजे तक – एनजेडसीसी लोक नृत्य /जनजातीय नृत्य और संगीत एवं 2015-2100 बजे तक – मील बैंड (नौसेना-स्थिर)।

29 जनवरी 2016: 1300-1345 बजे तक- मिलिट्री बैंड (वायुसेना-स्थिर); 1345-1410 बजे तक – पश्चिम बंगाल (लोक नृत्य); 1410-1435 बजे तक – कर्नाटक (यक्षगान, पूजा कुनिथा); 1435-1500 बजे तक – मिजोरम (बंबू नृत्य); 1500-1545 बजे तक – मिलिट्री बैंड (नौसेना-स्थिर); 1545-1630 बजे तक- गुजरात (सिद्धि धमाल); 1630-1715 बजे तक – केरल (कैसिकी-मोहिनीयट्टम); 1715-1800 बजे तक – पाइप और ड्रम बैंड (सेना-गतिशील); 1800-2015 बजे तक – एनजेडसीसी लोक नृत्य / जनजातीय नृत्य एवं संगीत और 2015-2100 बजे तक – मिलिट्री बैंड (सेना-गतिशील)।

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