चाबहार बंदरगाह स्वर्णिम अवसरों का द्वार : गडकरी
चाबहार बंदरगाह स्वर्णिम अवसरों का द्वार : गडकरी

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं पोत परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि ईरान में भारत द्वारा विकसित किए जा रहे चाबहार बंदरगाह के एक बार चालू चालू हो जाने के बाद वहां से स्वर्णिम अवसरों का द्वार खुलने वाला है। गडकरी ने यह बात ऐसे समय कही है जबकि सरकार ईरान और अफगानिस्तान में कई बुनियादी परियोजनाओं को शुरू करने को उत्सुक है।

उल्लेखनीय है कि गडकरी इस समय ईरान में हैं। उन्होंने वहां राष्ट्रपति हसन रूहानी के शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष प्रतिनिधि के रूप भाग लिया।

गडकरी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘चाबहार से अफगानिस्तान तक रेल और सड़क बनाने की योजनाओं पर बातचीत चल रही है। एक बार चाबहार के शुरु हो जाने के बाद हमारे पास रूस तक पहुंचने का मार्ग आसान होगा। उम्मीद है कि यह 12-18 महीनों में शुरू हो जाएगा जो कारोबार और व्यापार के लिए स्वर्णिम अवसरों के द्वार खोलने वाला होगा।’’ चाबहार बंदरगाह सिस्तान-बलूचिस्तान क्षेत्र में स्थित है जो ऊर्जा के लिहाज से काफी समृद्ध है। यहां तक भारत के पश्चिमी तट से फारस की खाड़ी के रास्ते सीधा पहुंचा जा सकता है और इसके लिए पाकिस्तान को पार भी नहीं करना होगा।

गडकरी ने कहा, ‘‘ईरान द्वारा किए गए त्रिपक्षीय परिवहन एवं मालवहन समझौता के अनुसमर्थन की हमें उम्मीद है और एक बार अनुमतियां मिल जाएं तो काम शुरु हो जाएगा।’’ उल्लेखनीय है कि इस समझौते पर प्रधानमंत्री मोदी की मई 2016 में हुई तेहरान यात्रा के दौरान हस्ताक्षर किए गए थे। यह समझौता भारत, ईरान और अफगानिस्तान के बीच चाबहार बंदरगाह का उपयोग करते हुए परिवहन एवं मालवहन गलियारा बनाने की अनुमति देता है।

( Source – PTI )

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