हिमाचल : शिमला से शुरू हुई मशाल यात्रा आज अपने निर्धारित गंतव्य बिलासपुर पहुँची, जोश से भरे युवाओं के साथ साथ शहर के कई नामचीन खिलाड़ी भी समारोह में शिरकत करने आये। इन्ही में से एक थे 1956 के ओलंपियन अनंतराम जी, जिन्होंने सेना में अपना योगदान देने के साथ देश के लिए जिमिनास्टिक में तीन बार ओलंपिक खेला और देश के लिए कई पदक भी जीते। सभी युवा अनंतराम जी को अपने बीच पा कर जोश से भरे नजर आए। हाथ मे माइक पकड़ कर जब अनंतराम जी ने अपने वक्तव्य की शुरुआत की तो हजारों की भीड़ भी अपने इस महान खिलाड़ी के सम्मान में शांत हो गई। अपने दिए गए भाषण में अनंतराम जी कहा ‘ मैं काफी खुश हूं कि अनुराग जी के सहयोग से मेरे सभी बच्चो को वो मौका मिल रहा है जो आवश्यक है, सभी को अपनी जिंदगी में उस मौके की तलाश रहती है जब वो खुद को और अपने हुनर को सबके सामने ला सकें। अपने समय के हालातों को बताते हुए अनंतराम जी ने कहा कि उनके दौर में न ऐसे हालात थे और न ही ऐसे मौके मुझे खुशी है कि ऐसे मौकों के साथ हमारे देश के युवा दुनिया भर में देश का नाम रोशन करेंगे। अनंतराम जी की इज्जत लोगो के दिलो में कितनी है वहां ये साफ देखा जा सकता था।

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