green corridorराजमार्गों के आसपास हरियाली बढ़ाने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को काफी फायदा होगा, इसे ‘नरेगा’ के साथ जोड़ने की भी अच्‍छी संभावना : नितिन गडकरी

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और शिपिंग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने आज नई दिल्‍ली में ‘राष्‍ट्रीय राजमार्गों के आसपास प्रतिरोपण’ पर एक कार्यशाला का उद्घाटन किया। अपने उद्घाटन संबोधन में श्री गडकरी ने कहा, ‘सड़कों को हरित राजमार्ग के अवसरों के रूप में देखा जाना चाहिए। पर्यावरण एवं सौन्‍दर्य पहलुओं के अलावा इनमें रोजगार सृजन की भी व्‍यापक संभावना है। अत: इससे ग्रामीण अर्थव्‍यवस्‍था को काफी फायदा होगा। यहां तक कि इसे नरेगा योजना से भी जोड़ा जा सकता है।’ उन्‍होंने कहा, ‘अगर जरूरत पड़ी तो हम चयनित एजेंसी को तकनीकी एवं वित्‍तीय सहायता भी उपलब्‍ध कराएंगे। प्रोत्‍साहन के रूप में हर साल प्रत्‍येक राज्‍य के तीन विजेताओं को उल्‍लेखनीय कार्य के लिए पुरस्‍कृत किया जाएगा।’ उन्‍होंने कहा कि उपग्रह संबंधी प्रौद्योगिकी के जरिये परियोजनाओं पर नजर रखी जाएगी और परियोजनाओं के सफल होने के बाद ही भुगतान किया जाएगा। श्री गडकरी ने अनुसंधान संगठनों जैसे कि टेरी से पौधरोपण तकनीकों पर अपनी जानकारियों को साझा करने का आग्रह किया। मंत्री महोदय ने यह भी सुझाव दिया कि एनएचएआई राजमार्गों के आसपास स्थित क्षेत्रों में खुदाई करके विभिन्‍न सामग्री जैसे कि रेत एवं मिट्टी का इस्‍तेमाल कर सकती है और इससे गांव भी लाभान्वित होंगे, क्‍योंकि इससे ग्रामीण अर्थव्‍यवस्‍थाओं के लिए अत्‍यंत आवश्‍यक तालाबों एवं झीलों का सृजन होगा।

राजमार्गों के आसपास हरियाली को बढ़ावा देने से होने वाले पर्यावरण संबंधी फायदों का उल्‍लेख करते हुए माननीय मंत्री महोदय ने परियोजना में इस्‍तेमाल की जाने वाली मशीनों में जैव ईंधनों और प्रतिरोपण किये जाने वाले पौधों में जैव उर्वरकों का इस्‍तेमाल करने का आग्रह किया।

एनएचएआर्इ के चेयरमैन श्री राघव चंद्र ने कहा, ‘हमने अपनी परियोजना लागत की एक प्रतिशत राशि‍को प्रतिरोपण, वृक्षारोपण, सौंदर्यीकरण और रख-रखाव कार्यों के लिए अलग से रखा है। हमारे पास पर्याप्त धन है और हम एसओपी की स्थापना, क्षमता निर्माण और सर्वश्रेष्ठ वैश्विक प्रथाओं को आत्मसात करने के लिए इसका इस्तेमाल करने का इरादा रखते हैं।’

(Source : PIB)

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