ब्रिटेन द्वारा विजय माल्या को निर्वासित करने का अनुरोध ठुकराये जाने के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने इस शराब उद्योगपति के खिलाफ इंटरपोल गिरफ्तारी वारंट जारी करवाने को कहा है ताकि धन शोधन जांच मामले में उनसे पूछताछ की जा सके।
अधिकारियों ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय :ईडी: ने सीबीआई को लिखा है कि वह इंटरपोल से माल्या के खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी करवाये। सीबीआई भारत में इंटरपोल वारंट की तामील करने वाले नोडल एजेंसी है।
रेड कार्नर नोटिस प्रत्यर्पण एवं समान कानूनी कार्यवाही के मद्देनजर आपराधिक मामले की जांच में वांछित व्यक्ति का ठिकाना पता करने और गिरफ्तारी के लिए जारी किया जाता है।
एक बार यह नोटिस जारी होने के बाद इंटरपोल विश्व के किसी भी हिस्से में संबद्ध व्यक्ति को गिरफ्तार करने का प्रयास करती है तथा किसी भी देश को उस व्यक्ति को हिरासत में लेने के लिए अधिसूचित कर सकता है।
एजेंसी चाहती है कि माल्याा 900 करोड़ रूपये के आईडीबीआई रिण धोखाधड़ी मामले की जांच में स्वयं व्यक्तिगत रूप से शामिल हों। एजेंसी ने इस साल के शुरू में उनके खिलाफ धन शोधन निवारण कानून :पीएमएलए: के तहत मामला दर्ज किया था।
ईडी माल्या को जांच में शामिल करने के लिए अभी तक वस्तुत: सभी कानूनी विकल्पों को आजमा चुकी है। इनमें मुंबई अदालत द्वारा गैर जमानती वारंट जारी करवाना शामिल है जिसके आधार पर उसने माल्या के पासपोर्ट वापस लेने का अनुरोध किया था। बाद में माल्या को ब्रिटेन से वापस लाने के लिए उनके निर्वासन का प्रयास किया गया।
बहरहाल, ब्रिटेन ने स्पष्ट कर दिया है कि माल्या को निर्वासित नहीं किया जा सकता तथा भारत से कहा गया कि वह इसके बजाय उनके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू करे।
( Source – पीटीआई-भाषा )