प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में ‘‘अच्छे माहौल’’ की ओर ध्यान दिलाते हुए जीएसटी तथा अन्य विधेयकों को पारित करने के लिए विपक्ष से आज सहयोग का अनुरोध किया।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने पिछले सप्ताह लोकसभा की तरह उच्च सदन में भी आज सुलह वाले रूख के साथ साथ विपक्ष, विशेषकर कांग्रेस पर तंज कसे।
प्रधानमंत्री के जवाब के बाद उच्च सदन ने विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद के एक संशोधन को 61 के मुकाबले 94 मतों से स्वीकार करते हुए राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
इस संशोधन में इस बात पर खेद जताया गया है कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में सभी को चुनाव लड़ने के अधिकार के बारे में कुछ नहीं कहा गया है। यह संशोधन राजस्थान के उस कानून की पृष्ठभूमि में आया है जिसके तहत पंचायत चुनाव लड़ने के लिए मैट्रिक की न्यूनतम शिक्षा को अनिवार्य किया गया है।
इससे पहले चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने इस बात पर संतोष जताया कि राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में सदन में कामकाज और संवाद होने की जो उम्मीद जताई थी उसका तुरंत सकारात्मक प्रभाव हुआ। उन्होंने कहा कि उच्च सदन और लोकसभा में देर तक बैठ कर काम हो रहा है। इससे लगता है कि हमने राष्ट्रपति की बात को ‘‘शिरोधार्य’’ किया है।
मोदी ने सदन में कामकाज होने के लिए विपक्ष का आभार जताया। साथ ही उन्होंने यह अपील की कि राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया जाए। उन्होंने विपक्ष द्वारा लाए गए 300 से अधिक संशोधनों को वापस लेने का अनुरोध करते हुए कहा ‘‘हमें राष्ट्रपति पद की गरिमा और उनकी बुद्धिमत्ता पर भरोसा रखना चाहिए।’’