1285843872_Mohan-Bhagwat_300शिक्षा के लिए सर्वप्रथम घर में संस्कार होना जरूरी – मोहन भागवत
मथुरा, बच्चों को संस्कार होना ही पढ़ाई का विशेष महत्व है, घर का माहौल कर संस्कारिक नहीं है तो विद्यालय में अच्छी से अच्छी शिक्षा क्यों न मिले, लेकिन घर में अगर संस्कार नहीं तो ये सब बेकार है। हम विद्या भारती के विद्यालय में बच्चों को संस्कारों की शिक्षा दिलाते हैं, मगर शादी के कार्ड अंग्रेजी में छपवाते हैं, ऐसा संस्कार घरों में नहीं होना चाहिए। शिक्षा समाज के सहयोग से चलती है समाज ही शिक्षा का वातावरण बनाता है।
ये बात श्रीबाबा सरस्वती विद्या मंदिर के मनोहर लाल बंसल भैया सभागार के उद्घाटन के दौरान स्वयं सेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत ने कही। उन्होंने कहा कि हमारे देश में स्वाभिमान, स्वावलंबन और जीवन संघर्ष के लिए तैयार होना इस प्रकार की शिक्षा का आभाव रहता है। अगर हम घरों का वातावरण संस्कारयुक्त कर दें तो इन तीनों चीजों का आभाव देश से समाप्त हो जाएगा। इससे पूर्व केन्द्रीय पर्यटन मंत्री महेश शर्मा ने श्रीजी बाबा सरस्वती विद्या मंदिर के शिक्षण की प्रशंसा की। विद्या भारती के राष्ट्रीय मार्गदर्शक ब्रह्मदेव शर्मा भाई जी ने कहा कि कई जगह ऐसी है जहां पर सरकार शिक्षा के इंतजाम नहीं कर पाती है, ऐसे स्थानों पर भी विद्या भारती के विद्यालय शिक्षण दे रहे है। उद्घाटन अवसर पर बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया तथा संघ के सर संघचालक मोहन भागवत ने दीप प्रज्जवलित किया। विद्यालय की ओर से आयोजित स्वच्छता विषय पर आधारित गीत स्वच्छ बनें हम, स्वच्छता फैलाएं पर बच्चों ने नृत्य प्रस्तुत किया। उद्घाटन अवसर पर प्रमुख रूप से केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रामशंकर कठेरिया, सांसद बाबूलाल, क्षेत्र प्रचारक आलोक, दर्शनलाल, दिनेश, जीएलए विश्व विद्यालय के कुलाधिपति नारायण दास अग्रवाल, पदमनाथ गोस्वामी, पालिकाध्यक्ष मनीषा गुप्ता, डा. राकेश चतुर्वेदी आदि उपस्थित रहे।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *