घर में मामूली निर्माण कार्य के लिये डीडीए से अनुमति जरूरी नहीं
घर में मामूली निर्माण कार्य के लिये डीडीए से अनुमति जरूरी नहीं

दिल्ली विकास प्राधिकरण :डीडीए: ने भवन निर्माण और रखरखाव से जुड़े नियमों को आसान बनाने के लिये एकीकृत भवन उपनियम :यूबीबीएल: 2016 में संशोधन किया है। इस बाबत इसी महीने जारी डीडीए की अधिसूचना के तहत अब मकानों में दोबारा से छत ढलवाने और दीवारों पर छपाई कराने जैसे मामूली निर्माणकार्यो के लिये डीडीए से पूर्वानुमति लेना अनिवार्य नहीं होगा।

डीडीए ने यह पहल पुराने मकानों को दुरस्त कराने की व्यवहारिक जरूरत को देखते हुये की है। इस पहल से इस तरह के मामूली किंतु जरूरी निर्माणकार्यों के लिये ‘बिल्डिंग परमिट’ के नाम पर डीडीए अधिकारियों, पुलिस और बिल्डर लॉबी के भ्रष्टतंत्र से भी जनता को निजात मिल सकेगी। प्राधिकरण ने डीडीए अधिनियम 1957 की धारा 57 के तहत प्राप्त अधिकार का इस्तेमाल करते हुये केन्द्र सरकार की अनुमति से भवन उपनियमों में संशोधन किया है।

बदलाव के इस क्रम में डीडीए ने भवन निर्माण क्षेत्र में विदेशी निवेश को भी आकषिर्त करने के लिये यूबीबीएल 2016 में अहम बदलाव किये हैं। इसके तहत डीडीए के किसी बिल्डिंग प्रोजेक्ट में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिये निर्माणक्षेत्र :बिल्टअप एरिया: की सीमा 50 हजार वर्ग मीटर से घटाकर 20 हजार वर्गमीटर कर दी है। ऐसे निवेशकों के लिये डीडीए ने स्थानीय निकायों को अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी करने की समूची प्रक्रिया को ऑनलाइन करने के लिये कहा है।

नियमों में ढील के साथ डीडीए ने पर्यावरण मानकों का पालन सख्ती से कराने की भी व्यवस्था की है। इसके तहत अधिसूचना में दिल्ली सरकार के जिला प्रशासन को विभिन्न श्रेणी के भवनों में पर्यावरण मानकों का पालन सुनिश्चित करने के लिये पृथक पर्यावरण इकाई का गठन करना अनिवार्य कर दिया गया है। इसकी जिम्मेदारी नये और पुराने भवनों में जल एवं उर्जा संरक्षण के उपाय लागू करवाना और पर्यावरण हितैषी भवन निर्माण सामग्री का इस्तेमाल सुनिश्चित करना होगा।

( Source – PTI )

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