मेरठ, जिन हरी सब्जियों व फलों को हम स्वास्थ्यवर्धक समझ खा रहे हैं। इनसे कैंसर, गुर्दा रोग, टीबी, दमा जैसी बीमारियां फैलने का खतरा बना हुआ है। फलों-सब्जियों में जहरीले रसायनों की मात्रा निर्धारित सीमा (एमआरएल) को पार कर गई है। जी हां, यह खुलासा भारत सरकार के कृषि मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट में हुआ है। इन खतरनाक रसायनों को मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बताया है। रिपोर्ट के आधार पर यूपी के उद्यान निदेशक ने बचाव की मुहिम छेड़ने के निर्देश दिए हैं।
केंद्रीय कृषि मंत्रालय के कृषि एवं सहकारिता विभाग की टीम ने राष्ट्रीय स्तर पर औद्यानिक फसलों में हानिकारक कीटनाशकों की मौजूदगी मापने का अभियान चलाया। इसे ‘मॉनीटरिंग ऑफ पेस्टीसाइड रिजडयू एट नेशनल लेवल’ नाम से लागू किया गया। टीम की ताजा रिपोर्ट में फल व शाकभाजी में गैर संस्तुति रसायनों की मात्रा पाई गई। इनमें fruitsकीटनाशकों के अवशेष निर्धारित सीमा से अधिक पाए गए। निर्धारित सीमा (एमआरएल) से अधिक मात्रा में पाए गए रसायनों से मानव स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा हो गया है। रिपोर्ट में कहा गया कि खतरनाक रसायनों के शरीर में जाने से कैंसर, विकलांगता, चर्म रोग, ब्लडप्रेशर, गुर्दा रोग, टीबी जैसे गंभीर रोग पैदा हो सकते हैं। यूपी के उद्यान निदेशक ने सभी जिला उद्यान अधिकारी को तत्काल इस पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। उद्यान अधिकारियों ने बताया कि इन रसायनों का फसलों में अंधाधुंध प्रयोग से यह हालत पैदा हुई है। इसकी रोकथाम के लिए रसायनों का उचित मात्रा में प्रयोग करना, प्रयोग किए गए रसायनों का प्रभाव समाप्त हो जाने के बाद ही फसलों की तुड़ाई करने, गोष्ठी, सेमिनार, कृषि मेलों व प्रशिक्षण के माध्यम से किसानों को तैयार किया जाएगा। नुकसान पहुंचाने वाले रसायनों के बारे में भी किसानों को बताकर सावधान किया जा रहा है।

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