हमीरपुर, 25 जून 2017 : देश के सबसे कामयाब प्रधानमंत्री के सबसे बड़े सपनो में से एक है कि भारत मे खेल भावना जाग्रत हो, खेल संस्कृति हमारे देश मे फिर से वापस आए और इन्ही सपनो को मुकाम तक ले जाने का बीड़ा उठाया है हमीरपुर से बीजेपी सांसद श्री अनुराग ठाकुर जी ने। शुरू से ही खेल प्रेमी रहे बेहद बहुमुखी प्रतिभा के धनी अनुराग जी को सिर्फ अपनी बातों से ही समां बांधना नही आता , बल्कि उनके कार्य और कार्यशैली भी उनको एक अलग स्तर का नेता बनाती है।

श्री अनुराग ठाकुर जी ने अपने स्तर पर हिमाचल प्रदेश राजकीय ओलंपिक खेलों का आयोजन करके ये साबित कर दिया है कि, अगर एक नेता चाहे तो वह अपने प्रदेश का परिदृश्य बदल सकता है। किसी ने नही सोचा था कि ओलंपिक जैसे स्तर के खेलों को जिसे आज से पहले सिर्फ अंतरराष्ट्रीय पैमाने पर ही देखा जाता था , उसे भारत का एक राज्य अपने अंदर बसा लेगा।

श्री अनुराग ठाकुर  जी के इस कदम को सराहना तो काफी मिली साथ ही बॉलीवुड की काफी बड़ी हस्तियों ने इनमे शिरकत भी की। इंटरनेशनल पहलवान द ग्रेट खली जो डब्ल्यू डब्ल्यू ई में भारत का डंका दुनिया भर में बजा चुके है खुद इस राजकीय ओलंपिक के शुभारंभ में शिरकत करने आये, साथ ही उनके साथ थे ओलिंपियन शूटर विजय कुमार जो युवाओ की हौसला अफजाई करने हमीरपुर पहुंचे थे। मिलिंद गाबा, सतिंदर सरताज जैसे गायको ने हमीरपुर में हो रहे इस ओलंपिक खेलों में समां बांधने में कोई कमी नही छोड़ी। 25 जून यानी कार्यक्रम के समापन समारोह में सुनील शेट्टी की मौजूदगी हमीरपुर और यहां के निवासियों की सबसे बड़ी उपलब्धि में से एक है। हिमाचल प्रदेश राजकीय ओलंपिक से पहले हमारा देश सिर्फ ओलंपिक खेलों में पदक जीतने की सोचता था, पर अनुराग जी के इस कदम ने ओलंपिक खेलों को लोगो की सोच से जुबां तक ला दिया, खिलाड़ियो के ओलंपिक सपनों को मुकम्मल करते श्री अनुराग जी की तारीफों की कसीदे जितनी कि जाए उतनी कम है।

विकासशील भारत देश को विकसित देशों की श्रेणी तक पहुंचाने के पीएम मोदी के सपनो में से एक सपना ये भी है कि भारत ओलंपिक खेलों में भी अपना डंका बजाये, पर बिना प्रयास के सपने मुकम्मल नही होते सपनो को हकीकत में उतारना पड़ता है, अनुराग जी ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया है। श्री अनुराग ठाकुर सिर्फ युवाओं के ही नही बल्कि सभी नेताओं के भी प्रेरणास्त्रोत है। भारत के अन्य राज्यो को अनुराग जी के इस कदम से बहुत कुछ सीखने की जरूरत है । खेल की ये चिंगारी पूरे देश मे आग की तरह फैले यही उम्मीद है।
श्री ठाकुर का ये अग्रणी कदम खेल भूमि की परिभाषा तो लिख ही चुका है, इंतज़ार इसका है कि कब भारत खेलों में दुनिया का प्रतिनिधित्व करता नजर आएगा।

 

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