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उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में बीती शाम उम्र कैद की सजा काट रहे एक कैदी ने जेल के अस्पताल में फांसी लगाकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली ।

जेल अधिकारियों के अनुसार जमानत के लिए उच्चतम न्यायालय में लगाई गई अर्जी 14 सितम्बर को खारिज हो जाने के बाद से वह अवसादग्रस्त था ।

जेल अधीक्षक पी डी सलोनिया ने बताया कि वृंदावन निवासी सुखराम के तीन पुत्रों महावीर :65: , ब्रजनन्दन :55: व शंकर को 1987 में हुई हत्या के एक मामले में आजन्म कारावास की सजा सुनाई गई थी ।

उस समय सत्र अदालत से उन सभी की जमानत खारिज हो जाने के बाद उच्च न्यायालय से जमानत मिल गई थी । लेकिन पिछले वर्ष उच्च न्यायालय ने दूसरे पक्ष की आपत्ति पर जमानत खारिज कर दी ।

इस पर ब्रजनन्दन एवं उसके भाई महावीर ने उच्चतम न्यायालय में अपील की जो पिछली 14 सितम्बर को खारिज कर दी गई ।

उन्होंने बताया कि ब्रजनंदन को अस्पताल भेज दिया गया था । उसके साथ उसके भाई को भी देखभाल के लिए रखा गया था ।

लेकिन रविवार की शाम जब महावीर नहाने चला गया तो ब्रजनन्दन ने छत पर लगे पंखे से लटक कर जान दे दी ।

घटना की जानकारी पाकर डीआईजी जेल शरद सर्वश्रेष्ठ भी रात में ही मथुरा पहंच गए । उन्होंने घटना की जांच के आदेश दे दिये हैं ।

( Source – PTI )

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