केंद्रीय गृहमंत्री ने कुरूक्षेत्र विश्‍वविद्यालय के 30वें दीक्षांत समारोह को संबोधित किया
केंद्रीय गृहमंत्री ने कुरूक्षेत्र विश्‍वविद्यालय के 30वें दीक्षांत समारोह को संबोधित किया

केंद्रीय गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह ने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि उन्‍हें जीवन के सभी परिस्‍थियों में मूल्‍यों का पालन करना चाहिए। ये मूल्‍य युवाओं को विजयी बनाएंगे और जीवन में कुछ भी प्राप्‍त करने के लिए सहायता प्रदान करेंगे। हरियाणा के कुरूक्षेत्र में स्‍थित कुरूक्षेत्र विश्‍वविद्यालय के 30वें दीक्षांत समारोह के अपने संबोधन में श्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि दीक्षांत का अर्थ है डिग्री प्राप्‍त करने हेतु अध्‍ययन की पूर्णता। परंतु यह शिक्षा की पूर्णता नहीं है, क्‍योंकि शिक्षा प्राप्‍त करना एक पद्धति है, जो जीवन पर्यंत चलती है। भारतीय संदर्भ में दीक्षांत का अर्थ है एक व्‍यक्‍ति द्वारा शैक्षिक योग्‍यता की प्राप्‍ति ताकि वह अपने ज्ञान और कौशल से समाज की सेवा कर सके। विश्‍व, लोगों को उनके मूल्‍यों तथा उनके द्वारा की गई समाज सेवा के लिए याद करता है।

श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत विश्‍व गुरू बनना चाहता है, न कि एक महाशक्‍ति। विश्‍व गुरू के रूप में लोग भारत के साथ जुड़ेंगे क्‍योंकि इसमें उन्‍हें उनकी भलाई दिखेगी। उन्‍होंने भारत को विश्‍व गुरू बनाने में युवाओं के योगदान को स्‍वीकार करते हुए कहा कि उन्‍हें अपने विरासत से प्रेरणा लेनी चाहिए और उन्‍हें इस बात का गर्व होना चाहिए कि वे एक महान राष्‍ट्र के नागरिक हैं।

हरियाणा के राज्‍यपाल तथा कुरूक्षेत्र विश्‍वविद्यालय के कुलाधिपति प्रो. कप्‍तान सिंह सोलंकी ने इस अवसर पर कहा कि शिक्षा के ज्ञान से जीवन में बदलाव आना चाहिए। हरियाणा के मुख्‍यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कुरूक्षेत्र विश्‍वविद्यालय को राज्‍य में प्रथम स्‍थान प्राप्‍त करने के लिए बधाई दी।

इस दीक्षांत समारोह में लगभग 2,000 विद्यार्थियों को स्‍नातकोत्‍तर, एम.फिल तथा पीएचडी डिग्रियां प्रदान की गईं। इस अवसर पर केंद्रीय गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह तथा श्री मनोहर लाल को समाज में उनके योगदान के लिए डॉ. ऑफ साइंस तथा डॉ. ऑफ लिटरेचर की उपाधियां भी प्रदान की गईं।

( Source – PIB )

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