उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ‘सोशल मीडिया’ को पारम्परिक मीडिया के लिये चुनौती करार देते हुए आज कहा कि बदलते दौर में नियंत्रण के अभाव ने इसे और बड़ी चुनौती बना दिया है।
अखिलेश ने कन्फेडरेशन ऑफ न्यूजपेपर्स एण्ड न्यूज एजेंसीज एम्पलाइज आर्गनाइजेशंस के सम्मेलन में कहा, ‘‘हमारे सामने कई चुनौतियां हैं। सोशल मीडिया बहुत तेजी से बढ़ रहा है। अगर मैं खुद ब्राडकास्टर बन जाउं तो यह आपके लिये कितनी बड़ी चुनौती होगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जिस रफ्तार से चीजें बदल रही हैं, अगर मुझे लाखों लोगों तक बात पहुंचानी हो तो उसे सोशल मीडिया के जरिये मैं ही प्रसारित कर दूं। यह स्थिति आपके लिये चुनौती है। हालांकि हमने देखा कि पत्रकार साथी ट्विटर पर आ गये तो हमने भी पुलिस और अन्य विभागों को ट्विटर पर पहुंचा दिया।’’ मुख्यमंत्री ने पत्रकारों के इस कार्यक्रम की सफलता की कामना की, मगर साथ ही कहा कि मीडिया कभी-कभी अपनी सीमाएं लांघ जाता है।
अपने चाचा शिवपाल यादव के साथ हाल में हुई तल्खी की मीडिया रिपोर्ट की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘कई बार लोग सीमाएं लांघ जाते हैं। एक अखबार ने मुझे औरगंजेब बना दिया, हालांकि मैंने तलवार नहीं खींची।’’ उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने पत्रकारों की हरसम्भव मदद की है और आगे भी करती रहेगी। प्रदेश में कई पार्टियों की सरकारें रही हैं। उनमें से एक पत्थर वाली सरकार :बसपा सरकार: थी। आप जब उससे हमारी तुलना करेंगे तो हमें लिबरल :उदार: और डेमोक्रेटिक :लोकतांत्रिक: पाएंगे। पत्रकार साथी तुलना कर सकते हैं।’’
( Source – पीटीआई-भाषा )