कई राज्यों में कम बारिश होने के कारण प्याज के उत्पादन में कमी आई है और यही वजह है कि प्याज की कीमतें एक बार फिर बढ़ सकती है । प्याज की कीमतों को लेकर उद्योग संगठन एसोचैम ने कहा है कि बरसात के मौसम में प्याज 10 से 15 प्रतिशत महंगा हो सकता है।
एसोचैम की ओर से जारी एक रिपोर्ट के अनुसार मौजूदा स्तर से प्याज कीमतों में बढोतरी होने से उपभोक्ता कीमत सूचकांक महंगाई पर दबाव पड़ेगा। इस समस्या से बचने और प्याज की कीमतों को कम करने के लिए एसोचैम ने समय रहते और वास्तविकता के आधार पर फसल और राज्यवार इसकी खपत की पूर्ति का आकलन करने का सुझाव दिया है।
सरकार ने स्मॉल फामर्स एग्रीकल्चर बिजनेस कंसोर्टियम, नेफेड के माध्यम से 30,000 टन प्याज का बफर स्टॉक करने का निर्णय लिया है लेकिन देश में प्याज की खपत को देखते हुए यह मात्रा काफी कम है।