निःस्वार्थ भाव से कर्म करने की प्रेरणा देती है गीता - प्रवक्ता.कॉम - Pravakta.Com
अशोक “प्रवृद्ध” महाभारत के युद्ध में श्रीकृष्ण ने अपने कर्तव्य से विमुख अर्जुन को उसके कर्तव्य का भान कराने के लिए श्रीमद्भगवद्गीता का प्रवचन किया था । श्रीमद्भगवद्गीता वैराग्य अर्थात भक्तिप्रधान अवतारवाद का ग्रन्थ नहीं अपितु कर्मयोग का ग्रन्थ है , हाँ इसमें अध्यात्म का समावेश अवश्य है ।…