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निवेश की भ्रामक अवधारणा - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
शैलेंद्र चौहान "अच्छे दिन आने वाले हैं" का सपना महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार से जूझ रही जनता को बहुत विश्वास के साथ दिखाया गया था. आम आदमी की उम्मीदें थीं कि महंगाई से राहत मिलेगी लेकिन बात अब सिर्फ और सिर्फ विदेशी निवेश की हो रही है. निवेश कोई चैरिटी…