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अनाज नहीं, लोकतंत्र सड़ रहा है प्रधान मंत्री जी - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
- पंकज झा सामान्यतः जब कोई शालीन माना जाने वाला व्यक्ति अपना आपा खो दे तो समझिए कि उसके मर्म पर कोई जबरदस्त चोट पहुची है. उसे किसी व्यक्तिगत क्षति की आशंका या अंदाजा है. या फिर अपनी अक्षमता के प्रति जबरदस्त बौखलाहट. जैसे गृह मंत्री के ‘भगवा आतंकवाद’ वाले…