पाकिस्तान में हिन्दु और सिखों की स्थिति

पिछले दिनों पाकिस्तान में पेशावर के पास इस्लामी जिहादियों ने जसपाल सिंह और महल सिंह के सिर काट कर उनकी हत्या कर दी। कटे हुए सिर नेजों पर टांग गर उन्हें गलियों बाजारों में घुमाया और फिर उनको गुरूद्वारे में भेज दिया। राक्षसी बर्बता का यह इस्लामी नमूना है जिसका सामाना मध्यकाल से ही विश्व के अनेक हिस्सों ने किया है और भारत ने जिसको मुहम्मद बिल कासिम के आक्रमणों के बाद से ही देखा और भोगा है। प्रश्न यह है कि इन लोगों को किस कारण से मारा गया? उनका दोष केवल इतना ही था कि उन्होंने भारत पाक विभाजन के बाद पाकिस्तान में रह जाने का निर्णय भी किया और अपने पंथ अथवा मजहब को भी न छोड़ने का निर्णय किया