एक बार फिर से चुनावी मैदान सजने को तैयार हैं। सभी राजनीतिक दल इस मैदान में उतरने के लिए अपनी कमर कस रहे हैं। गत वर्ष होने वाले राज्यों के विधानसभा चुनाव में एक दूसरे को चित करने के लिए राजनीतिक दल सक्रिय होने लगे है। ज़नता को लुभावने वादे और घोषणा पत्र को हर पार्टी सजा रही है। एक दूसरे को नीचा दिखाने के लिए आरोप-प्रत्यारोप का दौर आएगा। शब्दों की मर्यादाएं टूटेंगी। चुनाव आयोग से शिकायतें होगी। झूठे वादे कर जनता को ठगने के लिए अपनी बातें ऊपर कर दूसरों पर इल्जाम लगाने का दौर आएगा। वैसे तो हर चुनाव में कुछ न कुछ खास होता है। हर तरह के वादे राजनीतिक दल करते हैं। कोई शिक्षा को बढ़ावा देने की बात करता है तो कोई युवकों को रोजगार मोहय्या कराकर बेरोजगारी दको दूर करने की बात करता है। सभी पार्टी अपने अनुसार जनता को रिझाने की कोशिश करती है। देश में बढ़ रहे महिला उत्पीड़न को कोई पार्टी अपना मुद्दा बनाती है। साथ ही कहती है कि महिलाओं का विकास सर्वप्रथम होगा अगर चुनाव जीते तो। प्रदेश की हर समस्या को इस तरह से देखते है कि मानों इस बार सरकार में आए तो राज्य की काया पलट देगें। सड़क, बिजली, पानी की समस्या और गरीबी दूर करना जैसे वादे तो हर दल के अंदर विद्धमान है। मोबाइल फोन वितरण, लैपटॉप वितरण, साईकिल वितरण, भत्ता देना, आदि योजना जनता की समस्या पर बनाकर उनके मत को हासिल कर बहुमत में आने का अच्छा प्रयास किया जाता है। बात बहुमत की आई तो एक बात याद आ गई गावों में बुजुर्ग महिला अपने लड़के की पत्नी को बहु कहकर पुकारती है। शायद इस बात पर बीजेपी ने अपना खोज की और हरियाणा के चुनाव में ये मुद्दा बनाना चाह रही है। पैसे लालच और शराब का लालच दे वोट तो मागते ख़बर बहुत सुनने को मिलती है। इस बार हरियाणा के विधानसभा चुनाव में लड़कियों का अनुपात कम देख बीजेपी ने सही नब्ज पकड़ी है। भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओपी धनखड़ ने नरवाना में सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि हरियाणा के कई गांवों में सैकड़ों कुंवारे हैं, अगर राज्य में भाजपा की सरकार आई तो कोई भी नौजवान कुंवारा नहीं रहेगा। वे बिहार से लड़कियां लाकर सभी कुंवारों को दुल्हन दिलाएंगे। ऐसे में अब घर वालों को चिंता करने की क्या जरूरत है।
अब राजनीतिक पार्टी कुंवारों को दुल्हन दिलाएगी। शादी में होने वाला खर्च भी बचेगा। ये तो वही बात हुई एक पंत दो काज। शादी भी होगी और खर्च भी नही होगा। सत्ता में आने पर दुल्हन क्या विचार है। कुंवारों की इस समस्या के बारे में आज तक किसी ने सोचा ही नही था। अब ऐसे बयान को देखकर तो यही लगता है कि माता-पिता की एक उलझन और माथे पर रखा बड़ा बोझ बीजेपी हल्का करने की बात कर रही है। करना भी कुछ नही सिर्फ कमल को वोट देना है और सत्ता में लाना है। चलों एक बार मान लेते हैं कि इस बात को लेकर हरियाणा में सत्ता में बीजेपी आ जाती है तो क्या इस वादे को पूरा कर पाएगी जो उसके नेता ने बयान दिया है। और इन्हें ये कौन बताए कि दुल्हन के साथ जिंदगी की गाड़ी आगे बढ़ाने के लिए परिवार का पेट पालने के लिए रोजगार नाम की एक चीज की जरूरत होती है। उसे उन कुंवारों को देना होगा जिनके लिए आप दुल्हन लाने की बात कर रहे है। खैर बीजेपी नेता के इस बयान पर राजनीतिक दलों ने घेरना शुरू कर दिया है। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने अपना गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि वे धनखड़ का कान काट देंगे। काफी वर्षों पहले एक फिल्म देखी थी दिल वाले दुल्हनियां ले जाएंगे। अब कुछ अलग ही लग रहा है कि बीजेपी वाले दुल्हनियां ले आएगे। सत्ता पाने का ये सचमुच अनोखा कदम है। अब जनता को लुभाने के लिए आखिर ये राजनीतिक दल कितना गिरेंगे।