आपरेशन ड्रैगन थंडर 2014 की तैयारी

ist2_5569861-china-dragon
हम हिंदुस्तानिओं को गफलत में रहने की और अतीत से सबक ना लेने की गन्दी आदत सी हो गयी है जिसकी हमें भारी कीमत चुकानी पड़ती है.  जहाँ एक तरफ पाकिस्तान ने 1980 के दशक से आतंकवाद के माध्यम से हमारा जीना हराम कर रखा है. काफी जन- धन हानि हो चुकी है लेकिन लाख चाहने के बावजूद हम उसकी नाक में नकेल नहीं डाल पाए. उसे अच्छी तरह मालूम था की आमने सामने की लड़ाई में वह भारत के सामने ठहर नहीं सकता इस लिए उसने दूसरा तरीका अपनाया.  अब इसी कड़ी में वो एक खतरनाक खेल खेल रहा है उसने अपने साथ चीन को भी मिला लिया है.  दो देश मिलकर भारत को एक कड़ा सबक सिखाने की तय्यारी में है और भारत सरकार गफलत में जी रही है जिसकी हमें भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. जिस इलाके को १९९४ तक चीन भारत का हिस्सा मानता था आज वही  अनाध्रिकृत कश्मीर का इलाका पाकिस्तान  ने  चीन को सौंप  दिया. चीन ने पयेचिंग से पेशावर तक सड़क बना डाली और साथ साथ रेल लाइन भी बिछा दी. चीन पाकिस्तान में सात हज़ार मेगावाट का एक पनबिजली घर भी पाकिस्तान में लगा रहा है.  बताया जाता है पाक अधिकृत कश्मीर में चीन की लगभग एक डिविजन सेना तैनात है और लगभग १६ हवाई बेस तैयार कर लिये हैं जो भारत के रेडारों की पकड़ में है.चीन ने अपने सिकियांग प्रांत से पकिस्तान की ग्वादर बन्दर गाह  तक 200 किलोमीटर सुरंग भी बना ली है. अपुष्ट सूत्रों के अनुसार इस पकिस्तान में चीन के लगभग एक लाख सैनिक मोजूद हैं।
चीन रह रह कर हमारी सहन शक्ति और ताक़त का जायजा लेने की कोशिश करता रहा है. उसने कभी अरुणाचल पर तो कभी सिक्किम पर अपना दावा ठोका कभी कश्मीरी नागरिकों को स्टापल वीजा जारी किया. कभी हमारे इलाकों में घुस आये. पथरों को लाल रंग से रंग गए. कभी 19  किलोमीटर तक घुस गए और कई दिन हमारे इलाके में रहे. हमारे सैनिको को हमारे ही इलाके में गश्त करने से रोकते रहे और उस इलाके को अपना क्षेत्र बताते रहे, रोज रोज की घुसपेठ।  कभी अरुणाचल को चीन के नक्शे में दिखाया हमारी प्रतिकिर्या हमेशा ठंडी रही. हम हमेशा  मिमयाने वाले अंदाज में  रहे. चीन को ये पक्का अंदेशा हो चुका है की भारत एक दब्बू राष्ट्र है और इसी आशय में वो एक भारी युद्ध की रणनीति बना रहा है.  जहाँ तक में समझ रहा हूँ पंजाब, कश्मीर और राजस्थान के मोर्चों पर चीन और पाकिस्तान की सेना मिलकर  हमला करेगी और इधर तिब्बत साइड से चीन भारत पर भारी हमला करेगा जिसमें उतराखंड, सिक्किम अरुणाचल प्रदेश और अन्य पूर्वी इलाके कब्जाने की कोशिश करेगा.  चीन उतराखंड में बने टिहरी बांध को तोड़कर कई लाख लोगों को मौत के मुह सुला सकता है. ये बांध २४ किलोमीटर लम्बा और ८०० मीटर ऊँचा है. इसमें इतना पानी है की २४ घंटों में पानी ऋषिकेश, हरिद्वार को डुबोता हुवा पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश को और दिल्ली को डुबोता हुआ राजस्थान में परवेश कर सकता है.
इंडियन मिलिटरी से सम्बंधित एक पत्रिका में एक आर्मी ऑफिसर ने लिखा है की चीन भारत के साथ जंग पर उतारू है.  इस रण निति को चीन ने ड्रैगन थंडर 2014  का नाम दिया है और उसी के तहत चीन तयारी कर रहा है. इस आर्मी ऑफिसर का कहना आजकल की लड़ाई में थल सेना की भूमिका कम एयर फाॅर्स की भूमिका ज्यादा रहती है और पारंपरिक हथियारों की लड़ाई में भारत चीन से काफी पीछे है.  यदि हमने दीवार पर लिखी इबारत को ढंग से नहीं पढ़ा तो ये चीन-पाक गठजोड़ भारत के लिये काफी खतरनाक साबित होगा.
चन्द्र प्रकाश शर्मा

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here