पाकिस्तान फिर निकला धोखेबाज

मृत्युंजय दीक्षित

आखिरकार वही फिर हुआ जिसकी संभावनायें व्यक्त की जा रहीं थीं। पाकिस्तान एक बार फिर महाधोखेबाज साबित हो रहा है। जब भारत के प्रधाानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक लाहोर यात्रा करके और पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के घर जाकर अचानक शांति का पैगाम देने का ऐतिहासिक काम किया था। उनकी यात्रा को लेकर तब भी सवाल खड़े हुये थे और आज भी पठानकोट एयरबेस पर बडें आतंकी हमले व नये हमलों के एलर्ट के बाद भी खडें हो रहे हैं। आज देश का जनमानस सवाल कर रहा है कि आखिर पाकिस्तानी आतंकी कब तक हमारे देश के अंदर घुसकर हमारे देश के जवानों का खून बहाते रहेंगे और हम विधवा महिलाओं व अनाथ हो रहे बच्चों के दुश्मनों को उनके घर में घुसकर समाप्त कर सकेंगे। भारत की जनता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसलिए बहुमत का प्रधानमंत्री बनाया है ताकि उनकी रणनीति देश की सुरक्षा के हित में कुछ अलग होगी। अब देश के राजनेताओं को यह अच्छी तरह से समझ लेना चाहिये कि पाकिस्तान कुत्ते की दुम के समान है । भारत के रणनीतिकार लगातार यह भूल कर रहे हैं कि पाकिस्तान शांति के साथ वार्ता को आगे बढायेगा।

पाकिस्तान का अस्तित्व भारत विरोध है। वहां की आंतरिक राजनीति व सामरिक परिस्थितियां भारत विरोध पर टिकी हैं। पाकिस्तानी आतंकियांे ने पठानकोट एयरबेस पर जिस प्रकार का हमला किया है वह बताता है कि उनका इरादा कितना खतरनाक था। अगर भारतीय सुरक्षा एजेंसिया पहले सतर्क न रहती तो हादसा और भी खतरनाक  व भयावह हो सकता था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डांेभाल ने लगातार पूरे घटनाक्रम पर नजर रखी। जब भारत के प्रधानमंत्री लाहौर पहुंचे थे तभी से  खुफिया एजेंसियों को यह आभास हो गया था तथा इस बात की लगातार सूचना मिल रही थी कि आतंकवादी किसी बड़ी वारदात को अंजाम देना चाह रहे हैं। वहीं यह भी कहा जा रहा था कि आतंकी सेना व   अतिमहत्वपूर्ण सामरिक स्थलों को निशाना बना सकते हैं। खुफिया एजेंसियों को पाक सेना व आईएसआई की आतंकी संगठनो  के साथ हुई  गोपनीय बैठक की जानकारी भी हासिल हुई थी।

पठानकोट हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाक पीएम नवाज शरीफ के बीच शुरू हुई मित्रता की अग्निपरीक्षा का भी यही समय है। अब देखना यह है कि क्या आने वाले समय में भारत और पाकिस्तान के बीच विदेश सचिव स्तर की वार्ता  हो भी पायेगी या नहीं।  अभी तक घटनाक्रम में ऐसा पहली बार हुआ है कि पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने हमले की निंदा करते हुए हर प्रकार की जांच करवाने में सहयोग का वादा किया है लेकिन पाकिस्तान यह वायदा कितना पूरा कर पायेगा इसमे संदंेह है। भारत में जितने भी आतंकी हमले हो रहे हैं उन सबमें पाकिस्तानी सेना , खुफिया एंजेंसी आईएसआई व पाकिस्तान में बैठे आंतकी संगठनों का हाथ रहा है। भारत लगातार पाकिस्तान से दाऊद इब्राहीम समेत अपने सभी अपराधियांे के खिलाफ कार्यवाही की मांग लगातार करता रहा है। लेकिन पाकिस्तान ने कभी भी मानवता के दुश्मनों के खिलाफ कार्यवाही करने का मन नहीं बनाया।

pathankot attackजबकि पूरी दूनिया का बच्चा- बच्चा जानता है कि पाकिस्तान दुनिया का सबसे बड़ा आतंकियों का शररणगाह हैं। सभी भारत विरोधी बड़े आतंकी संगठन व उनके आका भारत के खिलाफ प्रतिदिन जहर उगलते हैं। अभी पठानकोट हमले के पूर्व पाकिस्तान से समाचार आया था कि भारत के सबसे बड़े दुश्मन हाफिज सईद ने भारत के खिलाफ नये आतंकियों की भर्ती करने के लिये सोशल मीडिया का सहारा लेना प्रारम्भ किया है। फेसबुक व टिवटर के माध्यम से भारत विरोधी संदेशों को प्रसारित करना प्रारम्भ किया हैं । हाफिज सईद खुलेआम भारतीय सीमा के पास घूमा करता है और जहर उगलता रहता है। वहीं दूसरी ओर सबसे आश्चर्यजनक सत्य यह है कि भारत ने 17 साल पहले जिस खूखांर आतंकी मौलना अजहर मसूद को रिहा किया था उसी ने पठानकोट एयरबेस को टारगेट बनाया। वहीं सबसे चिंता का विषय यह है कि पाकिस्तानी आतंकी अब एक बार फिर लगता है कि पंजाब का निशाना साधकर वहां शांति भंग करना चाहते हैं और खालिस्तान आंदोलन को फिर से हवा देना चाह रहे हैं। पाकिस्तानी आतंकियों ने जहां भारत – पाक वर्ता को भंग करने का प्रयास किया है वहीं उन्होंने अपनी उपस्थिति को दर्ज करवाने के लिये तथा भारतीय सुरक्षाबलों, रणनीतिकारों  तथा खुफिया एजंसियों का मनोबल तोड़ने के लिये इस महाहमले को अंजाम दिया है।  अभी तक पाकिस्तानी सेनासीमा पर फायरिेंग करती थी तथा उसे भारतीय सेना लगातार  आक्रामक जबाव दे रही थी। जिसके कारण पाकिस्तानी सेना लगातार दबाव में आ रही थी। यही कारण है कि जब विगत दिनों भारत – पाक के प्रधानमंत्रियों के बीच  वार्ता  दौर प्रारम्भ हुआ तब सभी भारत विरोधी आतंकी ताकतें एक मंच पर आ गयीं और उन्होनें इस महाहमले की योजना को अंजाम दे दिया। यह अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला साबित हुआ है। आज सोशल मीडिया में पठानकोट का हमला छाया हुआ हैं। जिसमें आमजनमानस की नाराजगी और गुस्से का प्रकटीकरण तो हो ही रहा है साथ ही मांग की जा रही है कि आखिर कब वह समय आयेगा जब हम पाकिस्तान के अंदर घुसकर आतंकियों से अपने खून व बलिदानों का  बदला लेंगें और हजारों विधवाओं के आंखों के आसूं पोछेंगे?  पीएम मोदी के लिए अब यही समय है कि वह अपने 56 इंच के सीने का जलवा बिखेर दें और कांग्रेसमुक्त भारत के सपने को भी साकार बनायें। वैसे भी इतिहास गवाह है कि पाकिस्तान धोखेबाज है ,था और रहेगा। यह न सुधरा है और न सुधरेगा। वैसे आज पूरा देश उन बहादुर जाबांजों को नमन कर रहा है जो पठानकोट एयरबेस पर हुए हमले में शहीद हो गये हैं पूरा देश वीर जवानों के साथ सीना तान कर खडा है। देश की जनता को वीर जवानों पर नाज है। रही बात कांग्रेसकी ओरसे सरकार की निंदा करने की तो उसके पास कोई काम नहीं बचा है। यह पूरा देश जानता है कि अभी पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद और दूसरे कांग्रेसी नेता  मणिशंकर अय्यर पाकिस्तान में किस प्रकार की देशभक्ति का प्रदर्शन करके आये हैं?

मृत्युंजय दीक्षित

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