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पांचो नौबत बाजती –(समीक्षा) - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
बी एन गोयल कल्पना कीजिये- कल्पना क्यों - ये दो वास्तविक प्रकरण हैं. मंच पर कुमार गन्धर्व का गायन चल रहा है – ....उड़ जायेगा ......हंस अकेला ........भक्ति की रस धार बह रही है, गायक के स्वर सीधे ब्रह्म से जुड़े हैं श्रोता वर्ग मंत्र मुग्ध है, आँखें बंद…