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क्या निस्वार्थ सेवा का अपमान है तीन गुना वेतन! - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
-लिमटी खरे राजनीति करना या चुनाव लड़ना जीतकर फिर जनसेवा करना, यह सब कुछ निस्वार्थ सेवा की श्रेणी में ही आता है। आजादी के मतवालों ने ब्रितानी हुकूमत को खदेड़ने के लिए सियासत की, भीड़ का नेतृत्व किया, लोगों को सही पथ पर चलने का आव्हान किया, कुछ नरमी से…
लिमटी खरे