मच्छरजी ने जन्म दिवस पर,किया खूब हो हल्ला|
बोला मित्रों के कानों में हँसकर चिल्ला चिल्ला|
आज हमारा जन्म दिवस है,तोहफा लेकर आना|
बदले में मैं खिलवाऊंगा,अच्छा मँहगा खाना|
कई दिनों तक नेताओं का, खून पिया है मैंनें|
जमा किया स्विस बैंकों में, जाकर पिछले महीने|
अगर गिफ्ट अच्छा लाये, तो वही खून पिलवाऊँ|
काले धन को इसी तरह से, मैं सफेद करवाऊँ|
अगर विरोधी चिल्लाये तो, उन्हें काट खाऊँगा|
अपनी ही मन मरजी से मैं,,सत्ता चलवाऊँगा|
मच्छर की खातिर मच्छर को,औ मच्छर के द्वारा|
चुना जायेगा मच्छर मुखिया,देखेगा जग सारा|