कविता : कुछ काम तो करो

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मिलन सिन्हा

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बातें हुई तमाम, कुछ काम तो करो

दूर है मुकाम, कुछ काम तो करो।

 

घड़ी इम्तिहान की, संघर्ष है कठिन

विजय तुम्हे मिलेगी,कुछ काम तो करो।

 

प्यार का ही दिन हो, प्यार की ही रात

नफरत से न कोई वास्ता, कुछ काम तो करो।

 

एकता में बल है, प्रेम में भगवान

सोच तुम्हारी सही है, कुछ काम तो करो।

 

दुःख दर्द सबका दूर हो, ख़ुशी का हो समां

आएगी फिर दिवाली, कुछ काम तो करो ।

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