आओ हम मतदान करें…

-पीयूष कुमार द्विवेदी ‘पूतू’-

लोकतंत्र मजबूत बनाकर, भारत का उत्थान करें।
जाति-धर्म की तोड़ दीवारें, आओ हम मतदान करें॥

चोर-उचक्के-बाहुबली जो, उनसे हमें न डरना है।
शिक्षित जो सुख-दुःख में शामिल, ऐसे प्रतिनिधि चुनना है।
गाँव-गाँव अरु शहर-शहर में, घर-घर जन अभियान करें।
जाति-धर्म की तोड़ दीवारें, आओ हम मतदान करें॥
कोई हमको लालच दे गर, नहीं जाल में फँसना है।
अपनी बुद्धि-विवेक-ज्ञान से, उत्तम निर्णय करना है।
अमन-चैन के फूल खिलाकर, मनमोहक उद्यान करें।
जाति-धर्म की तोड़ दीवारें, आओ हम मतदान करें॥
मंदिर-मस्जिद वाला मुद्दा, पांच साल में उठता है।
भूत सियासी बड़ा भयंकर, शीश सभी के चढ़ता है।
विकट समस्या इसका कोई, सीधा सरल निदान करें।
जाति-धर्म की तोड़ दीवारें, आओ हम मतदान करें॥
संसद की महती गरिमा को, तार-तार जो करते हैं।
लोकतंत्र के मंदिर में जो, नंगा नर्तन करते हैं।
उन्हें नहीं हम जाने देंगे, शपथ सहित ऐलान करें।
जाति-धर्म की तोड़ दीवारें, आओ हम मतदान करें॥

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