भाई दूज का पावन पर्व मैं मनाऊं
सनेह भरी अभिव्यक्ति देकर
तेरी खुशहाली के मंगल गीत मैं गाऊ
आ भैया तुझे तिलक लगाऊं
कितना पावन दिन यह आया
जिसने भाई बहन को फिर से मिलाया
मनं मैं बहती स्नेह की गंगा
ख़ुशी के अश्रुँ को मैं कैसे छुपाऊं
आ भैया तुझे तिलक लगाऊ
भाई दूज का पावन पर्व मैं मनाऊ
सनेह भरी अभिव्यक्ति देकर
तेरी खुशहाली के मंगल गीत मैं गाऊ
आ भैया तुझे तिलक लगाऊं
खुशकिस्मत है मुझ जैसी बहना
जिसे दिया है ईश्वर ने भाई सा गहना
तुझे टीका लगाऊ , मुहं मीठा करवाऊ ,
तेरी लम्बी उम्र की शुभकामना कर
तुझ पे वारी मैं जाऊं
आ भैया तुझे तिलक लगाऊं
भाई दूज का पावन पर्व मैं मनाऊं
सनेह भरी अभिव्यक्ति देकर
तेरी खुशहाली के मंगल गीत मैं गाऊ
आ भैया तुझे तिलक लगाऊं
आरती की मैं थाली सजाऊं
रोली एवं अक्षत से अपने भाई का तिलक लगाऊं
कभी न तुझ पे आए संकट
तेरे उज्ज्वल भविष्य के कामना गीत मैं गाऊ
आ भैया तुझे तिलक लगाऊं
भाई दूज का पावन पर्व मैं मनाऊं
सनेह भरी अभिव्यक्ति देकर
तेरी खुशहाली के मंगल गीत मैं गाऊ
आ भैया तुझे तिलक लगाऊ
-संजय कुमार फरवाहा
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