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कविता ; अंधेरी गलियों में............ - नवल किशोर शर्मा - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
प्रस्तुत कविता अंधेरी गलियों में............ उस जन-समूह को समर्पित है जो कि विभिन्न फसादों एवं मानवीय विद्रूपताआं के कारण अपना अमन-चैन खो चुके हैं। अंधेरी गलियों में................... अंधेरी गलियों में भटकना फिर रहा मेरा ये मन, ढूंढता हूं एक पल कि शांति,चैन और अमन।। सोचता हूं जब कभी…