गरीबों को मिल सकेगे सस्ते घर

एंटी भू- माफिया अभियान से टूटेगी महाअपराध की कमर ,

मृत्युंजय दीक्षित
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ केे नेतृत्व में दो तिहाई बहुमत से भाजपा की सरकार बनने के बाद अब प्रदेश में #भ्रष्टाचार ,#महाअपराध और अपराधियों  के खिलाफ महाएक्शन शुरू हो चुके हैं जिनके परिणाम बहुत ही जल्दी देखने को मिलेंगे। प्रदेश सरकार अपने लोक कल्याण संकल्प पत्र को लागू करने के लिए कृतसंकल्प है। इसी सिलसिले में योगी सरकार ने अपनी चैथी कैबिनेट की बैठक में अपना एक और बहुत बड़ा वादा पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है जिसकी काफी प्रशंसा की जा रही है व जिसके कारण अपराधियों व भू-माफियाओं में भय की लहर दौड़ गयी है।
प्रदेश सरकार ने अपने चुनावी वादे को निभाते हुए सरकारी व निजी संपत्तियों को अवैध कब्जों से मुक्त कराने के लिए व दोषियों को सजा दिलाने के लिए चार स्तरीय एंटी भू माफिया टास्क फोर्स तहसील, जिला मंडल और राज्य स्तर पर गठित करने का फैसला किया है । सरकारी व निजी संपतित्यों पर अवैध कब्जे की शिकायतें तहसील दिवस पर या सीधे किये जाने के अलावा आनलाइन पोर्टल भी तैयार कराया जायेगा। जब तक यह पोर्टल तैयार नहीं हो जाता तब तक लोग शिकायतें एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली के तहत संचालित जनसुनवाई पांेर्टल पर करायी जा सकेगी। इतना ही नहीं इसको और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए अवैध कब्जों को चिन्हित करने के लिए दो महीने का विशेष अभियान भी चलाया जायेगा। जिलाधिकारी की अगुवाई में जिलास्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया जायेगा। अवैध कब्जे चिन्हित होने के बाद संबंधित विभाग अपने शासनादेशों के अनुार उन्हें खााली कराने की कार्यवही करेंगे।
सरकार के उक्त फैसले के बाद अब प्रदेशभर में भू माफियाओं के दिन लद गये है। चुनावों में अवैध कब्जा एक बहुत बड़ा मुददा बना था। टास्क फोर्स के गठन के ऐलान के बाद भू माफियाओें में हलचल व चिंता की लकीरें साफ देखी जा रही हैं। अभी जिस प्रकार से प्रदेश सरकार आगे बढ़ रही है उससे प्रतीत हो रहा है कि अब प्रदेशभर में इन तत्वों की राह आसान नहीं होने जा रही।
पूाूूरे प्रदेशभर में हर जिले में अवैध कब्जों का मायाजाल फैलाहुआ है इन अवैध कब्जों के माध्यम से जरायम अपराधों का मकड़जाल भी बढ़ता जा रहा है। जमीन कब्जाने के खेल में सबसे आगे समाजवादी और बसपाई नेता, विधायक व सांसद आदि लोग रहे हैं। इन भू – माफियाओं का एक बहुत बड़ा गैंग पूरे प्रदेशभर में फैला हुआ है जिसके कारण ही जमीनों के दाम आसमान छू रहे है तथा गरीबों के लिए अपना मकान बनवाना व जमीन को बचाकर रखना एक बहुत बड़ी समस्या बन गया है। जिन गरीबों की जमीनें दबंगों ने कब्जा कर रखी है अब उन लोगों के चेहरे पर काफी मुस्कान वापस आ रही है। भू माफियाओं से टकराना प्रदेशसरकार के लिए बेहद आसान नहीं होन जा रहा है। यह एक प्रकार से कंेद्र सरकार के नोटबंदी से भी बहुत बड़ा उठाया गया कदम है।
अवैध कब्जे के खेल में अफसरशाही और पुलिस विभाग तो खुल्लमखुल्ला मिले हुए तो है ही साथ ही साथ एलडीए सहित सभी संबंधित विभागों के अधिकारियांे नेे भी अपना खुब खेला है। अब ऐे लोगों के दिन लद चुके है। सीएम योगी यह हिदायत भी दे चुके हैं कि प्रदेशभर के सभी अपराधी या गुंडे सुधर जायें या फिर प्रदेश छांेड़कर चले जायें। सरकार के इस काम को अपराधजगत व नेतानगरि से जुडी हस्तियां फंेल करने की हरसंभव कोशिश अवश्य करेंगी। इस काम में एक प्रकार से सरकारी मशीनरी की अग्निपरीक्षा भी होगी। यदि प्रदेशसरकार अपने इस अभियान में सफलतापूर्वक आगे बढ़ी और किसी भी प्रकार में दबाव में नहीं आयी तो सरकार और भाजपा के लिए यह आगामी 2019 और उससे पहले निकाय चुनाव तथा उपचुनावों में भी गेमचेंजर साबित हो सकता है।
पिछली सरकारोें मंे लखनऊ विकास प्राधिकरण और गाजियाबाद विकास प्राधिकरणों ने गजब के खेल खेले हैं। लखनऊ विकास प्राधिकरण ने तो गोमती नगर विस्तार में सैंकड़ों आवंटियों को सुलभ आवास योजना के तहत सेना की जमीन पर ही सैंकड़ों आवंटियों को फ्लैट आवंटित कर दिये। इस तरह के किस्से पूरे प्रदेशभर में आम हो गये हैं। दूर दराज के गांवों व कस्बों आदि में दबंगों ने जमीनो पर कब्जा कर रखा है उन पर अवैध निर्माण हो रहे हैं तथा बिजली और पानी जैसी सुविधाओं का शुल्क नहीं दिया जा रहा है। राजधानी लखनऊ में ही सपा एमएलसी बुक्कल नवाब के अवैध निर्माण को ध्वस्त किया जा रहा है इसके अतिरिक्त 75000 अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण का काम शुरू होन जा रहा है। प्रदेश में भू माफिया का एक बहुत बड़ा मकड़जाल हे जो बिजली के कटियाबाजों से भी कहीं अधिक खतरनाक हैं। अभी तक यह मकड़जाल खूब मस्ती कर रहा थ सरकारांे की अपनी मानकर कर चल रहा था। लेकिन अब एक झटके में सबकुछ समाप्त हो चुका है। जब 11मार्च को प्रदेश में भाजपा की जीत हो गयी तभी इन लोगों को संकेत मिल चुका था लेकिन योगी जी का जब मुख्यमंत्री पद के लिए चयन हो गया तब इन लोगों के हाथपैर तभी फूल गये थे। आज प्रदेश के जो हालात बिगड़ गये हैं उसमें सुधार करने के लिए योगी आदित्यनाथ जैसा व्यक्तित्व ही काफी है। जमीन कब्जाने के खेल में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से लेकर उनके सभी चाचाओं ने भी जमकर जमीनो पर अवैध कब्जे किये हैं तथा अवैध निर्माण करवाकर कालाधन जमा किया हैं। यही बसपा और कांग्रेस का भी है। बसपा नेत्री मायावती को तो दौलत की बेटी कहा भी जाता है। जमीन कब्जाने के खेल में रालोद जैसे छुटभैये दल भी कम नहीं हैं। अभी इस पर यदि सही तरीके से कार्यवाही प्रारम्भ हो गयी तो रालोद नेता अजीत सिंह व उनकी पार्टी के कई नेता जेल जाने की स्थिति मंे आ सकते है।
एंटी भू माफिया अभियान के बाद एक के बाद सफेदपोश नेताओं व बाबुओं के चेहरे से नकाब उतर सकता हैं । यही कारण है कि अपने आप को बचाने के लिए अब सभी लोग महागठबंधन की बात करने लग गये हैं। ईवीएम की आलोचना होने लग गयी हे लोग अपनी गलतियों को सुधारने का प्रयास नहीं कर रहे हैं अपितु ओर अधिक गलतियां लगातार कर रहे है। यदि कहीं प्रदेशभर के विपक्ष ने नोटबंदी की तरह एंटी भू- माफिया अभियान का भी विरोध करना शुरू कर दिया तो यह दल अगले चुनावों में एक – एक सीट ही नहीं वोट के लिए भी तरस जायेंगे।
संपूर्ण प्रदेश से यदि जमीनों को अवैध कब्जों से मुक्त करा लिया जाये तो प्रदेशभर के गरीबों को सस्ते मकान मकान भी आसानी से उपलब्ध हो सकेंगे। सरकार का यह निर्णय ऐतिहासिक है । अपराधियों मंे खलबली हैे। गरीबों के चेहरे पर तथा जिन लोगों की जमीन कब्जाई गयी है अब उन लोगों के मन मंे वास्तव में एक आस जगी है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here